Bhrahmamuhurt Upay: ब्रह्ममुहूर्त में स्नान क्यों करना चाहिए? जानें इसके फायदे

Bhrahmamuhurt Upay: शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लेना चाहिए क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा मुहूर्त माना जाता है यदि इस मुहूर्त में स्नान न कर पाए तो हरि मुहूर्त या शिव मुहूर्त में जरूर स्नान करें।
Brahmamuhurt Upay

Bhrahmamuhurt Upay: शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लेना चाहिए क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा मुहूर्त माना जाता है यदि इस मुहूर्त में स्नान न कर पाए तो हरि मुहूर्त या शिव मुहूर्त में जरूर स्नान करें। ज्योतिष के अनुसार दोपहर के समय नहाना शुभ माना जाता है आईए जानते हैं की शुभ मुहूर्त में क्यों नहाना चाहिए। 

Bhrahmamuhurt Upay: सनातन धर्म में स्नान का अलग ही महत्व है। धर्म के अनुसार हमेशा कहा जाता है कि बिना स्नान के देवी देवताओं की पूजा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होता है और पाप चढ़ता है। कहां जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त तुम्हें स्नान करने से तन और मन दोनों को सुख मिलता है। ऋषि मुनियों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से  शरीर में निखार आता है, और बीमारियों से मुक्ति मिलती है। कहां जाता है कि अगर स्नान में जितनी देरी होती है, तो भगवान से मिलने वाला फल भी उतना ही काम होता जाता है। 

ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के फायदे (Bhrahmamuhurt Main Nahane Ke Fayde) 

शरीर में निखार 

Benefits of bathing in the morning: कहां जाता है कि जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में  स्नान करते हैं उनके शरीर में एक अलग चमक बनती है। साथ ही चेहरे में सुंदरता आती है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से चेहरे पर ऋषि मुनियों की तरह चमक आती है। कहा जाता है कि पुराने समय में ऋषि-मुनि भी इसी मुहूर्त में स्नान करते थे. जिसकी वजह से उनके चेहरे पर एक तेज रहता था, मानो कि जैसे स्वयं चंद्रदेव उनके माथे पर विराजमान हों. 

शारीरिक शक्ति का मजबूत होना

Bathing gives strength: ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने से शरीर में कभी कोई रोग नहीं होता है, न ही शरीर कमजोर पड़ता है. इस मुहूर्त में स्नान करने वाला व्यक्ति हमेशा फुर्तीला और ताकतवर होता है. उसके शरीर में कभी दर्द और कमजोरी जैसी कमियां नहीं रहती हैं. 

सकारात्मकता की प्राप्ति 

How to Bring positivity: जो भी व्यक्ति ब्रह्ममुहूर्त का पालन करते हुए सुबह-सुबह स्नान करता है, उसके अंदर कभी भी नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है. वह व्यक्ति हमेशा सही निर्णयों की क्षमता रखता है. सदैव उसके अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा समय रहती है. उसकी बुद्धि का तेजी से विकास होता है. साथ ध्यान की आवश्यकता उसे ज्यादा नहीं पड़ती है. साथ उसके विचारों में भी पवित्रता आती है. उसके अंदर कभी बुरी बातों के ख्याल नहीं आते हैं. 

दरिद्रता से मुक्ति 

How can poverty be eliminated: जो व्यक्ति सुबह-सुबह स्नान करता है, उसके घर में कभी किसी वस्तु की कमी नहीं होती है. वह अपने तन और मन दोनों से खुश रहता है. जिसकी वजह से धन की कमी उसे कभी नहीं खलती है. वह मेहनत कर सभी इच्छाओं को पूरा कर सकता है. यदि किसी प्रकार की दरिद्रता घर में है, तो वह भी भाग जाती है. क्योंकि ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं. 

ब्रह्ममुहूर्त में देवताओं का स्नान 

Bhagwan Kab Nahate Hain: पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि ब्रह्ममुहूर्त में देवता भी स्नान करते हैं. लगभग दो घंटे तक देवताओं का वास जल में होता है. ऐसे में जो भी व्यक्ति इस मुहूर्त में स्नान करते हैं, उन्हें पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. 

स्नान का सही मुहूर्त और समय 

Subah Kitani Samay Nahana Chahiye: शास्त्रों में कहा गया है कि स्नान के लिए सबसे बेहतर समय है ब्रह्ममुहूर्त यानी कि सुबह 3:30 से सुबह 5 बजे तक. इसके बाद यदि आप इस मुहूर्त में स्नान नहीं कर सकते हैं तो शिव मुहूर्त में स्नान कर लें. इस मुहूर्त का समय सुबह 6 बजे से सुबह 8 बजे तक होता है. इसके बाद आता है हरि मुहूर्त, इस मुहूर्त का समय होता है सुबह 8 बजे से सुबह 10 बजे तक. यदि आप इन तीनों मुहूर्तों में किसी एक में भी स्नान करते हैं तो इससे आपका तन और मन दोनों को सुख मिलेगा। साथ ही देवी-देवताओं की कृपा भी आपके ऊपर बनी रहेगी।  

दोपहर में स्नान क्यों नहीं करना चाहिए? 

Dopahar Main Kyon Nahin Nahana Chahiye:  ज्योतिषियों का कहना है कि दोपहर में स्नान करने से शरीर में रोग उत्पन्न हो जाते हैं, साथ ही यह समय प्रेत मुहूर्त का होता है. जिसकी वजह से प्रेत बाधाएं भी पीछा करने लगती हैं. यदि कभी भी आपको दोपहर के समय स्नान करना पड़े तो उसके बाद आप गायत्री मंत्र या हनुमान जी की आरती करें। इससे शरीर में कोई कमी नहीं होगी। साथ मन को भी शांति मिलेगी।   

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