Chanakya Niti: रखें इन बातों का ध्यान, घर में आएगी लक्ष्मी

Chanakya Niti: रखें इन बातों का ध्यान, घर में आएगी लक्ष्मी

Chanakya Niti: चाणक्य (Chanakya) महान ज्ञानी होने के साथ-साथ नीति (Chanakya Niti) के अच्छे जानकार थे। उन्होंने चाणक्य नीति (Chanakya Niti) नामक ग्रंथ लिखा। कहते हैं कि आचार्य चाणक्य (Chanakya) नीति के इतने पक्के थे कि इनकी नीतियों से कई राजाओं का राज-काज चलता था। आज भी चाणक्य नीति (Chanakya Niti) उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी की पहले थी। चाणक्य (Chanakya) ने मनुष्य को सुखी जीवन जीने के लिए कई नीतियां बताई हैं चाणक्य (Chanakya) ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि किन बातों का खास ख्याल रखने से घर में माता लक्ष्मी (Lakshmi) विराजती हैं। आगे जानते हैं चाणक्य की इन नीतियों (Chanakya Niti in Hindi) के बारे में...

चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने एक श्लोक का वर्णन किया है। यह श्लोक है- "मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्य यत्र सुसंचितम्। दंपतो: कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता।। इस श्लोक का अर्थ है कि जिस स्थान पर मूर्खों की पूजा नहीं होते है, जहां धन और अन्न प्रचूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं और जिस घर में पति-पत्नी आपस में झगड़ते नहीं, वहां धन की देवी लक्ष्मी खुद आ जाती हैं।

चाणक्य के कहने का मतलब ये है कि मनुष्य को भूलकर भी मूर्खों की पूजा नहीं करनी चाहिए। साथ ही उन्हें सिर पर नहीं बैठाना चाहिए। सम्मान केवल ज्ञानवान मनुष्य का करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि जहां मूर्खों की पूजा नहीं होती, वहां लक्ष्मी का वास होता है। इसके अलावा चाणक्य (Chanakya) कहते हैं कि जिस घर में अन्न के भंडार भरे रहने हैं और लोग भूखे नहीं मरते उस घर में लक्ष्मी (Lakshmi) का निवास होता है। साथ ही जिस घर में पति-पत्नी (HUsband Wife) में क्लेश न हो, वहां माता लक्ष्मी सदैव रहती हैं।

चाणक्य (Chanakya) ने अपनी चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में धन खर्च, बचत और निवेश के बारे में भी बताया है। जिसके अनुसार धन मिलने पर किसी के सामने इस बात की चर्चा नहीं करनी चाहिए। मेहनत से अर्जित किए हुए धन सुरक्षा करनी करनी चाहिए। चाणक्य (Chanakya) मानते हैं कि मिले हुए धन की चर्चा करने से दुश्मन और चोर सतर्क हो जाते हैं जिससे धन के नष्ट होने का खतरा बना रहता है।

वहीं धन मिलने पर मनुष्य को उस पर घमंड नहीं करना चहिए। ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और धन स्वतः नष्ट हो जाता है। इसलिए आचार्य चाणक्य कहते हैं धन प्राप्ति पर मनुष्य को अधिक उत्साहित नहीं होना चाहिए। लक्ष्मी स्वभाव से चंचला होती हैं, ऐसे में लक्ष्मी का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए। आचार्य चाणक्य का कहना है कि जो व्यक्ति धन का उपयोग सभी जगह पर करता है, उसे हमेशा लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती रहती है।

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