सनातन धर्म की मुहीम रंग लाई ,गीता प्रेस गोरखपुर की दैनन्दिनी बिकी

सनातन धर्म की मुहीम रंग लाई ,गीता प्रेस गोरखपुर की दैनन्दिनी बिकी

नेशनल न्यूज़ डेस्क - एक अच्छी खबर सनातन धर्म के लिए जिस गीता प्रेस गोरखपुर ने पूरे विश्व में करीब 90 साल पहले यानी 1923 में स्थापित गीता प्रेस (gita press)द्वारा अब तक 45.45 करोड़ से भी अधिक प्रतियों का प्रकाशन किया जा चुका है। इनमें 8.10 करोड़ भगवद्गीता और 7.5 करोड़ रामचरित मानस की प्रतियाँ हैं। गीता प्रेस में प्रकाशित महिला और बालोपयोगी साहित्य की 10.30 करोड़ प्रतियों पुस्तकों की बिक्री हो चुकी है।

गीता प्रेस ने 2008-09 में 32 करोड़ रुपये मूल्य की किताबों की बिक्री की। यह आँकड़ा इससे पिछले साल की तुलना में 2.5 करोड़ रुपये ज्यादा है। बीते वित्तवर्ष में गीता प्रेस ने पुस्तकों की छपाई के लिए 4,500 टन कागज का इस्तेमाल किया।

सनातन धर्म के मनाने वालों ने एक मुहिंम अभी कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में चलाया की गीता प्रेस गोरखपुर जो धार्मिक पुस्तकें छापनी और बेचने का काम करती है उसे भी इ प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए जब लोग हर साल डायरी खरीदते हैं तो गीता दैनन्दिनी क्यों नहीं

गीता प्रेस द्वारा रामचरित मानस ,सुन्दरकाण्ड ,हनुमान चालीसा vishnu sahasranamam sanskrit pdf gita प्रेस भी छापे जाते हैं

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