Ganesh Chaturthi 2019 भूल कर न देखें इस दिन चन्द्रमा
इस वर्ष Ganesh Chaturthi 2019 पर ग्रह-नक्षत्रों से बन रहे हैं उत्तम शुभ संयोग--
ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री जी बताया की इस वर्ष 2019 की गणेश चतुर्थी पर ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बन रहे हैं। इनके साथ ही सिंह राशि में चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है। यानी सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र हैं।
ग्रह नक्षत्रों की इस शुभ स्थिति के कारण ये त्योहार और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा। ग्रह-नक्षत्रों के इस शुभ संयोग में गणेश स्थापना होने से समृद्धि और सुख-शांति मिलेगी। वहीं कई लोगों की मनोकामना भी पूरी होगी।
इस वर्ष गणपति उत्सव हेतु गणपति स्थापना होगी चित्रा नक्षत्र में --
पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार हरतालिका तीज पर सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि नाम के 2 बड़े शुभ योग बन रहे हैं। वहीं सोमवार को दिन की शुरुआत हस्त नक्षत्र में होगी और गणेश स्थापना चित्रा नक्षत्र में की जाएगी। मंगल के इस नक्षत्र में चंद्रमा होने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।चित्रा नक्षत्र और चतुर्थी का संयोग सुबह लगभग 8 बजे से शुरू होगा औरपूरे दिन तक रहेगा। शुक्ल और रवि योगबनने से दिन और भी विशेष हो जाएगा।
ध्यान दें, गणेश स्थापना के लिए श्रेष्ठ है मध्याह्न काल---
भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था। इसलिए भगवान गणेश की स्थापना और पूजा का सबसे श्रेष्ठ समय मध्याह्न काल ही माना गया है। मध्याह्न यानी दिन का दूसरा प्रहर जो कि सूर्योदय के लगभग 3 घंटे बाद शुरू होता है और लगभग 12 या साढ़े 12 बजे तक रहता है। गणेश चतुर्थी पर मध्याह्न काल में अभिजित मुहूर्त के संयोग पर गणेश स्थापना की जा सकती है। जो कि सुबह लगभग 11.55 से दोपहर 12.40 तक रहेगा। इसके अलावा पूरे दिन शुभ संयोग होने से सुविधा अनुसार किसी भी शुभ लग्न या चौघड़िया मुहूर्त में गणेश स्थापना की जा सकती है।
गणेश चतुर्थी की तिथि (Ganesh Chaturthi 2019)
और स्थापना का शुभ मुहूर्त--
गणेश चतुर्थी की तिथि: 02 सितंबर 2019
गणेश चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 02 सितंबर 2019 को सुबह 4 बजकर 57 मिनट से।
गणेश चतुर्थी तिथि समाप्त: 03 सितंबर 2019 की रात 01 बजकर 54 मिनट तक।
गणपति की स्थापना और पूजा का समय: 02 सितंबर की सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक.
अवधि: 2 घंटे 31 मिनट
02 सितंबर 2019 को चंद्रमा नहीं देखने का समय: सुबह 08 बजकर 55 मिनट से रात 09 बजकर 05 मिनट तक
अवधि: 12 घंटे 10 मिनट।
पंडित दयानंद शास्त्री