Powered by myUpchar
Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा कब है, जानें महत्व,तिथि और पूजा विधि

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
Buddha Purnima Ka Mahatwa: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं. बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को उत्सव के रूप में मनाते हैं. उनके धार्मिक स्थलों पर सभी लोग एकत्रित होकर सामूहिक उपासना करते हैं. साथ ही दान-पुण्य भी करते हैं. बौद्ध और हिन्दू धर्म के लोग इस दिन को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं. बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बुद्ध के आदर्शों और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है. यह पर्व सभी को शांति का संदेश देता है. बौद्ध धर्म के अनुयायी बोधगया में पूजापाठ करते हैं. साथ ही बोधिवृक्ष पर दूध, इत्र और जल चढ़ाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. सनातन धर्म के लोग गंगा स्नान करते हैं. साथ ही दान-पुण्य भी करते हैं.
भगवान बुद्ध का जन्म कब हुआ था?
Gautam Buddha Ka Janm Kab Aur Kahan Hua Tha: भगवान गौतम बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था, इस महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इतिहासकारों के अनुसार गौतम बुद्ध का जन्म 563-483 ईसापूर्व के मध्य लुम्बिनी में हुआ था जो कि वर्तमान में नेपाल का हिस्सा है. महात्मा बुद्ध ने इसी तिथि में महाप्रयाण यानी कि देह त्याग किया था.
बुद्ध पूर्णिमा मुहूर्त 2024
Buddha Purnima 2024 Muhurt: बुद्ध पूर्णिमा का मुहूर्त 22 मई को शाम 6:47 से शुरू होगा और अगले दिन यानी 23 मई को शाम 7:22 बजे समाप्त होगा। ज्योतिषियों के मुताबिक बुद्ध पूर्णिमा के दिन भद्रवास योग बन रहा है. इस योग का प्रशिक्षण शाम 7:9 बजे तक रहेगा। इस दौरान भद्रा स्वर्ग लोक में रहेगी। शास्त्रों में बताया गया है कि भद्रा के पाताल और स्वर्ग लोक में रहने के दौरान मनुष्य का कल्याण होता है.
बुद्ध पूर्णिमा की पूजा विधि
Buddha Purnima Pooja Vidhi: बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध अनुयायियों द्वारा अनेक प्रकार के समारोह किए जाते हैं. अलग-अलग देशों में वहां के रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-पाठ किया जाता है. श्रीलंकाई इस दिन को 'वेसाक' उत्सव के रूप में मनाते हैं. जो कि वैशाख का अपभ्रंश है. लोग घरों में दीपक जलाकर भगवान बुद्ध के विचारों का पाठ करते हैं. पक्षियों को पिंजरों से मुक्त करते हैं. गरीबों को वस्त्र और भोजन दान किया जाता है. बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म के लोगों द्वारा इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. साथ ही चंद्रदेव की पूजा भी की जाती है. महिलाओं द्वारा पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है.
बुद्ध पूर्णिमा के व्रत से लाभ
भगवान बुद्ध के आदर्शों पर चलने वाले लोग इस दिन बुद्ध के सत्य और अहिंसा के व्रत का पालन करते हैं, साथ ही उनकी शिक्षाओं का सम्मान करते हुए उनका जन्म उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. सनातन धर्म के लोग इस पूर्णिमा के दिन व्रत रखते हैं और चंद्रदेव के साथ भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. कहा जाता है कि वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखने से अकाल मृत्यु नहीं होती है.