guru purnima 2021 आत्मा क्या है ? प्रभु के दर्शन कब होते हैं ? बताया था बाबा नीब करौरी महाराज ने 

Baba neem karori

 गुरु ही भगवान है : बाबा नीब करौरी महाराज 
                     

( आर. एल . पाण्डेय )                   

Guru purnima 2021 . भगवान हमारे आपके बीच में ही रहते हैं. उन्हें खोजने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है. हर प्राणी के मन मंदिर में विराजमान आत्मा परमात्मा का ही छोटा स्वरूप है. जिसने अपने को जान लिया मानो परमात्मा को पा लिया. खुद अपने को जानना असंभव है. संसार में गुरु ही वह साक्षात् देवता है जो मनुष्य के अंदर छिपी शक्ति को जागृत कर उसे न सिर्फ प्रभु का सामिप्य कराता है भक्त में पात्रता हो तो प्रभु दर्शन भी करा देता है

भगवान की कृपा कब होती है ?

. सद्गुरु का मिलना भी सौभाग्य की बात होती है. कभी जीवनभर जप तप करने वाला व्यक्ति भी ईश्वर के आशीर्वाद से वंचित रह जाता है और कभी सामान्य जिंदगी जीने वाला व्यक्ति को खुद प्रभु घर आकर दर्शन देते हैं. भगवान की कृपा कब किस पर कितनी होगी ? यह कोई नहीं जान सकता.भक्तों के भगवान बाबा नीब करौरी महाराज पर जीवनपर्यन्त हनुमान जी की विशेष कृपा रही. सच कहा जाये तो वह हनुमान जी के साक्षात् स्वरूप ही थे. उनका कहना था कि वह शिष्य नहीं भक्त बनाते हैं. वह अपने पास आने वाले व्यक्ति का हृदय परिवर्तन कर उसे सन्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते थे. वह कहते थे कि सारा संसार उनका परिवार है और वह परिवार के मुखिया हैं.

गेरूए कपड़े पहन लेने से कोई संत नही हो जाता 

भक्त को गुरु में भगवान दिखाई देना चाहिए. गुरु कैसा भी हो, उसकी कमियों पर नहीं,  अच्छाइयों पर ध्यान देना चाहिए. जब तक गुरु के प्रति भगवान जैसी आस्था व श्रद्धा नहीं होगी, सही मायने में उसका आशीर्वाद नहीं मिल पायेगा.बाबा जी गृहस्थ संत थे और सभी   भक्तों को घर परिवार में रहकर ही राम राम जाप, हनुमान चालीसा, सुंदर कांड व श्रीरामचरितमानस पाठ करने की बात कहते थे. उनका साफ मानना था कि गेरुवे कपड़े पहन लेने व बाल - दाढ़ी बढ़ा लेने से कोई संत नहीं बन जाता है.

उसके लिए कठोर तप व साधना करनी पड़ती है. संत कभी एक जगह नहीं ठहरता है. वह देश - दुनिया में भ्रमण कर जन कल्याण के कार्य करता रहता है. गुरुदेव महाराज ने अपने जीवन काल में हनुमान गढ़ी व कैंची धाम (नैनीताल),  वृंदावन धाम, नीब करौरी आश्रम, फर्रुखाबाद, जौनापुर व श्रीहनुमान बिड़ला मंदिर (दिल्ली), हनुमान सेतु मंदिर (लखनऊ), नया हनुमान मंदिर, पनकी (कानपुर), आदि दर्जनों मंदिर व आश्रम बनवाये. इन मंदिर व आश्रमों में प्रतिदिन हजारों भक्तजन जाकर दर्शन व पूजन करते और गुरुदेव भगवान का आशीर्वाद लेते हैं.गुरु पूर्णिमा पर्व पर सभी भक्त अपने घर में मालपुआ, सब्जी व खीर का भोजन प्रसाद बनवाते और गुरुदेव को भोग लगाकर बांटते और परिजनों के साथ ग्रहण करते हैं. भक्तों का विश्वास है कि गुरुदेव हमेशा उनके पास रहते हैं और जीवन में आने वाली दिक्क़तों को दूर करते रहते हैं.

Share this story