Jyotish Shastra : ज्योतिष की 2 ऐसी पुस्तक बारे में जानिए  जिनके बिना ज्योतिष अधूरी है 

Jyotish Shastra: Know about 2 such books of astrology without which astrology is incomplete.
Jyotish Shastra : ज्योतिष की 2 ऐसी पुस्तक बारे में जानिए  जिनके बिना ज्योतिष अधूरी है 
Jyotish Shastra : आज हम आपको  ज्योतिष के दो ऐसे पुस्तक के बारे में बताने जा रहे है जिनके विना ज्योतिष अधूरी है  इन दो पुस्तक का नाम हत् पराशर होरा शास्त्र  और ज्योतिष रत्नाकर  है ज्योतिष रत्नाकर के लेखक  पंडित बालकृष्ण शास्त्री है और हत् पराशर होरा शास्त्र के लेखक जातक परिजात मुनि लिखी गई है |

बृहत पाराशर होरा शास्त्र कितने साल का है?

हत् पराशर होरा शास्त्र का इतिहास 600 ई.पू. लगभग यह पुस्तक है इस पुस्तक को बृहत्पाराशर होरा शास्त्र के नाम से भी जाना जाता है  अगर आपको ज्योतिष पर विश्वास है तो आपको हत् पराशर होरा शास्त्र पुस्तक एक बार जरुर पड़े |

जन्म कुंडली का निर्माण और व्याख्या
ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों का प्रभाव
भविष्यवाणी
मुहूर्त
ज्योतिष

बृहत् पराशर होरा शास्त्र को ज्योतिष पर सबसे अधिक आधिकारिक ग्रंथों में से एक माना जाता है। इसका अध्ययन ज्योतिषियों द्वारा सदियों से किया जाता रहा है और यह आज भी ज्योतिष शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।  जातक परिजात मुनि द्वारा लिखित ज्योतिष पर एक प्रसिद्ध ग्रंथ है। इसमें जन्म कुंडली के विश्लेषण और व्याख्या पर विस्तृत जानकारी शामिल है। ज्योतिष पर एक क्लासिक ग्रंथ है। इसमें ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों के प्रभावों पर विस्तृत जानकारी शामिल है। ज्योतिष पर एक आधुनिक ग्रंथ है। इसमें ज्योतिष के सिद्धांतों और व्यवहार का व्यावहारिक अनुप्रयोग शामिल है। ज्योतिष पर एक लोकप्रिय पुस्तक है। इसमें ज्योतिष की मूल बातें और भविष्यवाणी के लिए सरल तकनीकें शामिल हैं। ज्योतिष पर एक प्रेरणादायक पुस्तक है। इसमें ज्योतिष की शक्ति और जीवन को बेहतर बनाने के लिए इसका उपयोग करने के तरीके पर चर्चा की गई है। 

पुस्तक को दो भागों में विभाजित किया गया है

पहला भाग ज्योतिष के बुनियादी सिद्धांतों से संबंधित है। इसमें ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों की प्रकृति और प्रभावों  के बारे में बताया गया है  
दूसरा भाग ज्योतिष के व्यावहारिक अनुप्रयोग से संबंधित है। इसमें जन्म कुंडली के निर्माण और व्याख्या, भविष्यवाणी, मुहूर्त और ज्योतिष के बारे में बताया गया है   

 बृहत् पराशर होरा शास्त्र की कुछ प्रमुख विशेषताएं दी गई हैं

यह ज्योतिष पर सबसे व्यापक और आधिकारिक ग्रंथों में से एक है।
इसका अध्ययन सदियों से ज्योतिषियों द्वारा किया जाता रहा है।
यह ज्योतिष शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

ज्योतिष रत्नाकर

ज्योतिष रत्नाकर ज्योतिष शास्त्र पर एक हिंदी ग्रंथ है। इसकी रचना 19वीं शताब्दी में पंडित बालकृष्ण शास्त्री ने की थी। यह पुस्तक ज्योतिष की सभी शाखाओं को कवर करती है, जिसमें जन्म कुंडली, गोचर, ग्रहों की दशा, मुहूर्त आदि शामिल हैं।  यह पुस्तक ज्योतिष के छात्रों और पेशेवरों के बीच एक लोकप्रिय संदर्भ है। इसे इसकी स्पष्टता, सटीकता और व्यापकता के लिए सराहा गया है। ज्योतिष रत्नाकर हिंदी में ज्योतिष पर सबसे महत्वपूर्ण पुस्तकों में से एक मानी जाती है।

इस पुस्तक को पांच भागों में विभाजित किया गया है

1. प्रथम भाग में ज्योतिष की मूल बातें शामिल हैं, जैसे कि राशियाँ, ग्रह, नक्षत्र आदि।
2. द्वितीय भाग जन्म कुंडली के निर्माण से संबंधित है।
3. तृतीय भाग गोचर और ग्रहों की दशाओं का फलित बताता है।
4. चतुर्थ भाग मुहूर्त का विधान है।
5. पंचम भाग ज्योतिष के कुछ विशेष विषयों से संबंधित है, जैसे कि प्रश्नाली, कुंडली मिलान आदि।
 

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