shani dev: यदि Life में ये 10 बातें हो रही है घटित, समझिए शनिदेव हैं नाराज
शनि देव (Shani Dev) न्याय के देवता माने गए हैं। मान्यता है कि शनि देव (shani dev) अच्छे कर्म करने वालों को अच्छे फल, जबकि बुरे कर्म करने वालों को दंडित करते हैं। यह आवश्यक नहीं कि प्रत्येक व्यक्ति को शनि की दशा (shani ki dasha) में कष्ट और परेशानियों का सामना करना पड़े। जन्म कुंडली (Kundali) में शनि (shani) की प्रतिकूल स्थितियां होने पर शनि महाराज अपनी दशा (Dasha), अन्तर्दशा (Antardasha), महादशा (Mahadasha), साढ़ेसाती (Sadesati) और ढैय्या (Dhaiya) में सताते हैं। ये 10 संकेत बताते हैं कि आपकी कुंडली (kundali) में शनि (shani) भारी है...
खाने-पीने में मांस मदिरा के प्रति रुचि बढ़ना शनि के प्रभाव में वृद्धि का संकेत माना जाता है।
अक्सर जूते-चप्पलों का चोरी होना।
घर (मकान) की किसी दीवार का ढहना।
कानों में तकलीफ होना, पैर की हड्डियों में तकलीफ भी शनि का प्रभाव माना जाता है।
घर, दुकान या आपकी फैक्ट्री में आग लगाना शनि के अशुभ परिणाम के संकेत माने गए हैं।
अवैध प्रेम संबधों की ओर रुचि बढ़ना भी शनि के बुरे प्रभाव के लक्षण हैं।
घर में मौजूद किसी पालतू पशु की अचानक मृत्यु भी शनि के आगमन का संकेत है।
अपने सौन्दर्य और वस्त्र के प्रति लापरवाह होना यानी गंदे वस्त्र पहनना भी शनि का प्रभाव माना गया है।
नौकरी व्यवसाय में बाधा के कारण आय में कमी आना।
कब शनि की कृपा मिलती है और सारे काम बन जाते हैं?
-जब व्यक्ति सत्य बोलता है और अनुशासित रहता है
-जब व्यक्ति कमजोर और निर्बल लोगों की खूब सेवा करता है
-जब व्यक्ति अपने बड़े बुजुर्गों की सेवा करता है
-जब व्यक्ति फलदार और लम्बी अवधि तक रहने वाले पेड़ लगाता है
-जब व्यक्ति भगवान शिव की या कृष्ण की नियम पूर्वक उपासना करता है
कब हो जाते हैं शनि देव नाराज़ और सारे काम बिगड़ने लगते हैं?
-जब व्यक्ति अकारण झूट बोलता है तथा कपट करता है
-जब व्यक्ति बुजुर्गों या माता-पिता का अपमान करता है
-जब व्यक्ति किसी का हक छीन लेता है खास तौर से कमजोर और दुर्बल लोगों का या महिलाओं का
-जब व्यक्ति लापरवाही करता है ,सूर्योदय के पहले नहीं जगता और सूर्यास्त के समय सोता है
-जब व्यक्ति हरे वृक्ष काटता है या गर्भपात करता-करवाता है
क्या हैं शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय ताकि हर बिगड़ा काम बन जाए और खूब सफलता मिले?
-जीवन में ईमानदार बनें,सत्य बोलें तथा बड़े बुजुर्गों को सम्मान दें
-तुलसी के पौधे में तथा पीपल में जल डालें
-शनिवार सायंकाल सरसों के तेल का दीपक चौराहे या पीपल के नीचे जलाएँ
-कभी भी हरे पेड़ न काटें तथा गर्भपात और भ्रूण परिक्षण न करवायें
-सूर्योदय के पूर्व अवश्य जागें तथा शिव जी की उपासना करें
-शनि देव के मूल मंत्र का जाप करें -"ॐ शं शनैश्चराय नमः"