MahaVastu tips for office: ध्यान रहें ये बातें, भूलकर भी ना करें ये गलती..

MahaVastu tips for office: ध्यान रहें ये बातें, भूलकर भी ना करें ये गलती..

MahaVastu tips for office: वास्तु शास्त्र का प्रणेता विश्वकर्मा जी को माना जाता है जिन्हें देवताओं का शिल्पी भी कहा जाता है। अब आप में से कुछ लोग यह सोच रहे होंगे कि क्या वास्तु शास्त्र पर विश्वास (vastu shastra for office in hindi) किया जाना चाहिए? तो यह आपके व्यक्तिगत अनुभव का विषय होना चाहिए क्योंकि वास्तव में वास्तु शास्त्र भवन निर्माण से संबंधित एक आदर्श आचार संहिता है जिसके अनुसार यदि भवन का निर्माण किया जाए तो भविष्य में होने वाली अनेक कठिनाइयों से बचा जा सकता है।

वास्तु शास्त्र क्या है

वास्तु शास्त्र (vastu shastra for office) के अंतर्गत भवन स्वामी के सुख और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर पंचतत्वों में संतुलन स्थापित कर भवन निर्माण किया जाता है जिसमें उस भवन में रहने वाले (MahaVastu tips for office) व्यक्तियों की जरूरतों एवं अनिवार्यताओं को ध्यान में रखा जाता है।




वास्तु शास्त्र के टोटके: वास्तु शास्त्र (vastu shastra office) में आपके हर रोज की दिनचर्या से लेकर घर-परिवार की हर तरह की बातें बताई गई हैं। इन चीजों का अगर आप पालन करेंगे तो आपके घर या ऑफिस में कभी भी नेगेटिव एनर्जी (MahaVastu tips for office) प्रवेश नहीं कर पाएगी।

ऑफिस के लिए वास्तु टिप्स (vastu items for office) :

Vastu Shastra for office in Hindi: - वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस का प्रवेश द्वार यानि मेन डोर पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है।

- ऑफिस का रिसेप्शन काउंटर बाईं तरफ और इंतजार करने का स्थान दाहिनी ओर हो तो वास्तु की दृष्टि में यह बहुत अच्छा माना जाता है।

- ऑफिस (vastu Shastra for office in hindi) में यदि इंतजार करने या वेटिंग रूम की जगह बनाना कठिन हो तो, आने वाले लोगों के लिए मालिक या अधिकारियों के केबिन के बाहर सौफासेट या कुर्सियों को पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार से सटा कर रखा जा सकता है।

- वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस के मालिक और सर्वोच्च व्यक्ति का केबिन दक्षिण या पश्चिम भाग में बनाना उचित माना जाता है। इसके अलावा मालिक की कुर्सी का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर और आगन्तुकों का मुंह पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होना भी अच्छा माना जाता है।




Office vastu chart: - ऑफिस का भंडारघर (पेन्ट्री) या जहां सारा सामान रखा जाता है वह दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना वास्तु की दृष्टि से अच्छा माना जाता है।

- ऑफिस का टायलेट उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दिशा के अलावा अन्य किसी भी दिशा में बनाया जा सकता है।

- ऑफिस के एकाउन्टेन्ट या कैशियर को उत्तर की ओर तथा बाहर काम करने वाले सेल्समैन, निरीक्षक को उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बैठाना चाहिए।

Vastu direction for work desk at office: - वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऑफिस का द्वार किसी अन्य ऑफिस के सामने, कैन्टीन या टेलीफोन बूथ के पास होना शुभ नहीं माना जाता है।

वास्तु शास्त्र हिंदी में

Office vastu remedies: वास्तु एक प्राचीन विज्ञान है। हमारे ऋषि मनीषियों ने हमारे आसपास की सृष्टि में व्याप्त अनिष्ट शक्तियों से हमारी रक्षा के उद्देश्य से इस विज्ञान का विकास किया। वास्तु का उद्भव स्थापत्य वेद से हुआ है, जो अथर्ववेद का अंग है। इस सृष्टि के साथ-साथ मानव शरीर भी पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से बना है और वास्तु (office vastu remedies) शास्त्र के अनुसार यही तत्व जीवन तथा जगत को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं। भवन निर्माण में भूखंड और उसके आसपास के स्थानों का महत्व बहुत अहम होता है।

वास्तु शास्त्र ग्रंथ: किसी भी भवन में प्राकृतिक शक्तियों का प्रवाह दिशा के अनुसार होता है अतः यदि भवन सही दिशा में बना हो तो उस भवन में रहने वाला व्यक्ति प्राकृतिक शक्तियों का सही लाभ उठा सकेगा, किसकी भाग्य वृद्धि होगी। किसी भी भवन में कक्षों का दिशाओं के अनुसार (vastu Shastra for office in hindi) स्थान इस प्रकार होता है।

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