Kalash ka mahatv पूजा के कलश में क्यों पांच पल्लव की पूजा की जाती है ,पांच पल्लव क्या होता है ?
पांच पल्लव का पूजा में क्या महत्व है
हिन्दू धर्म मे पूजा में पांच पल्लव का विशेष महत्व है लेकिन जैसे ही पंडित जी पूजा में पांच पल्लव के लिए कहते हैं अधिकतर लोगों द्वारा आम के पांच पल्लव को पूजा में रखा जाता है ।
आचार्य विमल त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि पांच पल्लव का मतलब होता है आम पीपल बरगद पाकड़ और गूलर इन वृक्षों की हिन्दू धर्म।मे विशेष महत्व है इसलिए इनके पत्तों को पूजा में शामिल किया जाता है ।
पांच पल्लव का उपयोग
पांच पल्लव का उपयोग जहां किसी भी पूजा में कलश में प्रयोग किया जाता है और पूजा स्थल।के आसपास बंदनवार जिससे द्वार को सजाया जाता है इसका उपयोग करते हैं ।
पांच पल्लव का क्या महत्व है
आम में सकारात्मक शक्ति होती है इसलिए इसे पूजा के आसपास लगाया जाता है जिससे पूजा का फल मिलता है । आम के पत्ते को शुद्ध माना जाता है यह भी कहा जाता है कि हनुमान जी को आम का फल काफी प्रिय था इसलिये भी इसे प्रयोग किया जाता है ।
आम की समिधा इसलिए बनाई जाती है किसी भी हवन के समय क्योंकि आम की लकड़ी जलने पर आक्सीजन पैदा करती है इसलिए आम की लकड़ी का प्रयोग करते हैं ।
पीपल
पीपल के पौधे का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि पीपल का पौधा रात और दिन में भी आक्सीजन का उत्सर्जन करता है जिस भी क्षेत्र में रहता हैं वहां की वायु को शुद्ध करता है इसलिए यह भी कहा जाता है कि पीपल के वृक्ष के नीचे कोई भी पूजा करने से शांति मिलती है और पूजा का लाभ के गुण बढ़ जाता है ।
चूंकि पूजा के समय आक्सीजन के कारण मन शांत रहता है और पूजा पाठ ध्यान में मन ज्यादा लगता है ।
बरगद
बरगद के वृक्ष को हिन्दू धर्म मे काफी पवित्र माना जाता है इसकी उम्र काफी होती है इसलिए इसे वटवृक्ष भी माना जाता है ।
कहा जाता है कि इस वृक्ष की यह खूबी होती है की यह अपनी शाखाएं जमीन में उसको सहारा देता है और और वृक्ष बढ़ता चला जाता है इसकी छांव काफी शीतल होती है ।
इसी तरह से पाकड़ और गूलर ऐसे वृक्ष होते हैं जो मनुष्य के जीवन मे किसी न किसी तरह से संरक्षण देते रहते हैं ।
इन पांच वृक्षों की पवित्रता के कारण इसकी पूजा की जाती है ।
इसलिए पांच पल्लव में इन पांच वृक्षों के पत्तों की पूजा की जाती है ।