Rambha Teej 2024: कब है रंभा तीज? जानें मुहूर्त, महत्व और पूजा के नियम 

Rambha Teej 2024: रंभा तीज का पर्व इंद्र की 14 अप्सराओं में से एक रंभा के लिए मनाया जाता है. पुराणों के अनुसार रंभा वही अप्सरा हैं जो समुद्र मंथन के दौरान निकले 14 रत्नों में से एक थी.रंभा तीज का पर्व प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है.
Rambha Teej 2024

Rambha Teej 2024: रंभा तीज का पर्व इंद्र की 14 अप्सराओं में से एक रंभा के लिए मनाया जाता है. पुराणों के अनुसार रंभा वही अप्सरा हैं जो समुद्र मंथन के दौरान निकले 14 रत्नों में से एक थी.रंभा तीज का पर्व प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व और इसका व्रत इस बार 9 जून को रखा जाएगा। आइए जानते हैं रंभा तीज के मुहूर्त महत्व और इसके व्रत से होने वाले लाभ के बारे में.

Rambha Kaun Thi: पुराणों के अनुसार इंद्र देव के दरबार में 14 अप्सराएं थीं. लेकिन इनमें से सबसे सुंदर और गुणवान थी रंभा। पुराणों में कहा गया है कि रंभा वही अप्सरा है जो समुद्र मंथन के समय निकली थी. ये समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक थी. अप्सरा रंभा के लिए साल भर में दो व्रत रखें जाते हैं जिनमें से एक ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन जिसे रंभा तीज के नाम से जाना जाता है और दूसरा कार्तिक मास की एकादशी के दिन जिसे कि रंभा एकादशी के नाम से जाना जाता है. रंभा तीज के दिन इस मंत्र का जाप करें

Rambha Teej Mantra: ह्रीं ह्रीं रं रंभे आगच्छ आज्ञां पालय पालय मनोवांछितं देहि रं ह्रीं ह्रीं।

रंभा तीज 2024 तिथि और मुहूर्त

Rambha Teej 2024 Date and Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार रंभा तीज का पर्व ज्येष्ठ महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनाया जाता है. इस वर्ष यह तिथि 9 जून को है. इस तिथि की शुरुआत 8 जून को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट पर होगी और 9 जून को 3 बजकर 44 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। लेकिन व्रत की तारीख 9 जून ही रहेगी। व्रत का पारण भी 9 जून की शाम को इच्छानुसार किया जा सकता है.

रंभा तीज की पूजा विधि

Rambha Teej Puja Vidhi: रंभा तीज के दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं व्रत रखती हैं. इस दिन सुबह जल्दी उठकर सभी नित्य कार्यों से निवृत होकर बाल धोकर स्नान करें। इसके बाद नए वस्त्र धारण सूर्यदेव को अर्घ्य दें, साथ ही उनके दीप जलाएं। सुहागिन महिलाएं और अविवाहित कन्याएं गेंहू, चूड़ी, बिंदी, चंदन, और ताजे फूल के गजरे आदि देवी रंभा को चढ़ाएं। साथ रंभोत्कालीन यंत्र की पूजा करें। देवी रंभा की आरती कर उनसे अपने पति की लंबी उम्र या योग्य और सुंदर पति मिलने का आशीर्वाद लें. कुछ जगहों में चूड़ी के जोड़े को रंभा का प्रतीक मानकर उसकी पूजा की जाती है.

रंभा तीज का महत्व

Rambha Teej Ka Mahtwa: रंभा तीज के दिन सुहागिन औरतें चूड़ियों के जोड़े की पूजा करती हैं. शास्त्रानुसार इस व्रत को अप्सरा रंभा ने अपने सौभाग्य के लिए किया था. इसलिए इसे रंभा तीज के नाम से जाना गया. रंभा तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और कुवांरी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं. इस शिवजी माता पार्वती और देवी लक्ष्मी की पूजा का भी बहुत महत्व है. कहा जाता है कि रंभा तीज के व्रत से रोगी और बूढ़ा शरीर भी जवान हो जाता है. 

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