समुद्र मंथन से निकला था शंख, जानिए इसे रखने के लाभ और प्रकार

समुद्र मंथन से निकला था शंख, जानिए इसे रखने के लाभ और प्रकार

Shankha ke labh in hindiधार्मिक दृष्टिकोण से शंख (shakah ke fayde) का अपना खास महत्व है. धार्मिक ग्रंथों (dharmik granth) में ऐसा वर्णन मिलता है कि समुद्र मंथन (samudra manthan) के दौरान 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी. जिसमे से 8 वें रत्न के रूप में शंख (Shankha ke labh in hindi) की उत्पत्ति हुई थी. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इसे घर में रखना बहुत ही शुभ है. शंख के कई प्रकार हैं और सबका अपना अगल-अगल महत्व है. शंख को घर में रखना शुभ तो है पर किस शंख को घर (Shankh ghar me rakhne ke labh) में रखा जाए ये महत्वपूर्ण है. आइए जानते हैं कि शंख के कितने प्रकार (Shankh ke prakar) होते हैं और इसे घर में रखने के क्या-क्या लाभ बताये गए हैं.

गणेश शंख (Ganesha Shankha)

इस शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन (Samudra Manthan) के दौरान 8वें रत्न के रूप में हुई थी। यह शंख (shankh ke labh) देखने में गणेशजी (ganesh ji) के आकार का लगता है इसलिए इसे गणेश शंख (ganesh shankha) कहते हैं। इस शंख को घर में रखना (shakh ko ghar me kaise rakhen) बहुत शुभ माना जाता है। गणेश शंख को घर में रखने से दरिद्रता का नाश होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

दक्षिणावर्ती शंख (dakshinavarti shankha)

पुराणों के अनुसार दक्षिणावर्ती शंख ((dakshinavarti shankh)) को स्वयं भगवान विष्णु (Lord Vishnu) धारण करते हैं। इस शंख को दाएं हाथ से बजाया जाता है। इस शंख को सबसे अधिक शुभ माना जाता है। दक्षिणावर्ती शंख ((dakshinavarti shankh)) को घर में बजाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और पॉजिटिव एनर्जी आती है। इस शंख का पूजन करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और सुख-सम्पत्ति बढ़ती है।

कौरी शंख (Kauri Shankha)

कौरी शंख ((Kauri Shankha)) बहुत दुर्लभ होता है। इस शंख को घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है। इसे घर में रखने से भाग्य में वृद्धि होती है और धन लाभ होता है। दीपावली के दिन कौड़ी शंख की पूजा का विशेष महत्व है। पीली कौड़ियां घर में धन वाले स्थान पर रखने से धन वृद्धि होती है।

कामधेनु शंख (kamdhenu shankh)

कामधेनु शंख (kamdhenu shankh) को गौमुखी शंख के नाम से भी जाना जाता है। यह शंख कामधेनु गाय की आकृति का होता है इसलिए इसे कामधेनु गौमुखी शंख भी कहा जाता है। घर में इस शंख को रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और तर्कशक्ति भी प्रबल होती है।

वामवर्ती शंख (vamavarti shankh)

वामवर्ती शंख (vamavarti shankh) को बाएं हाथ से बजाय जाता है। यह शंख आसानी से मिल जाता है इसलिए इसका प्रयोग सबसे अधिक होता है। इस शंख को बजाने के लिए एक छिद्र होता है। इस शंख की आवाज़ से नकारात्मक शक्तियाँ घर से बाहर निकलती हैं और घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। घर में वामवर्ती शंख रखने से सुख-शांति बनी रहती है।

मोती शंख (MOTI SHANKH)

घर में मोती शंख (MOTI SHANKH)रखना इसकी नित्य पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। इस शंख को बेहद फलदायी माना गया है। इस शंख को आर्थिक उन्नति का कारक माना गया है। इसे घर, दुकान, या ऑफिस में रखने से आर्थिक लाभ होता है।

महालक्ष्मी शंख (mahalaxmi shankh)

महालक्ष्मी शंख (mahalaxmi Shankh) का आकार श्रीयंत्र के जैसा होता है। इस शंख को महालक्ष्मी (mahalaxmi) का प्रतीक माना जाता है। इस शंख (shakh) की आवाज़ सुरीली होती है और इसे घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में यह शंख होता है, वहां माँ लक्ष्मी (lakshmi) का वास होता है।

दक्षिणवर्ती शंख के लाभ (dakshinavarti shankh ke labh)

दक्षिणवर्ती शंख (dakshinavarti shankh) का शास्त्रों में बहुत महत्व है। विधि विधान से पूजन कर इसे घर में स्थापित करने से ऐसे लाभ होते हैं जिसका ज्ञान आपको शायद ही हो। दक्षिणवर्ती शंख अगर विधिपूर्वक घर में स्थापित किया जाए तो घर में धन की कभी कमी नहीं होगी। जी हां, शायद आपको पता ना हो लेकिन दक्षिणवर्ती शंख को अगर शुद्धिकरण की सही विधि से घर में रखा जाए तो धन की कभी कमी नहीं होगी। बिना शुद्धिकरण रखा गया दक्षिणावर्ती शंख अपने प्रभावों में निष्क्रिय रहता है।

शुद्धिकरण विधि (Shuddhikaran Vidhi)

अब जानते हैं वो तरीका जिससे दक्षिणवर्ती शंख को शुद्ध किया जाता है और यह आपके लिए धन वृद्धिकारक हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले आप इतना बड़ा एक लाल कपड़ा लें जिसपर शंख आ जाए। अब इस कपड़े के ऊपर दक्षिणवर्ती शंख को रखकर उसमें गंगाजल भर लें। इसके बाद आसन पर बैठकर पांच बार इस मंत्र का जाप करें: 'ॐ श्री लक्ष्मी सहोदराय नम:'

मंत्र जाप की विधि

ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय से पूर्व स्नान करने के बाद यह क्रया करें। सप्ताह में किसी भी दिन इस मंत्र का जाप किया जा सकता है लेकिन ध्यान रखें कि इस मंत्र का आपको 5 बार जाप करना है। दक्षिणवर्ती शंख की शुद्धि हो जाएगी।

दक्षिणवर्ती शंख के लाभ

दक्षिणवर्ती शंख को धन-संग्रह में रखने से धन यानि आर्थिक लाभ, अन्न-संग्रह में रखने से अन्न यानि समृद्धि और वस्त्र-संग्रह में रखने से वस्त्र यानि कि भौतिक सुविधाओं की वृद्धि होती है। शयनकक्ष में इस शंख को रखने से मन को शांति मिलती है और चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। दक्षिणवर्ती शंख में स्वच्छ जल भरकर किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु पर छिड़कने से दुर्भाग्य, तंत्र-मंत्र और अभिशाप का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है।

अगर आपको लग रहा है कि आप पर या आपके किसी प्रिय पर टोने-टोटके का असर है तो इस शंख को रखने से यह प्रभाव निष्क्रिय हो जाता है। दक्षिणवर्ती शंख को घर में रखने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा स्वयं समाप्त हो जाती है।

अगर आपको धन संबंधित कोई भी समस्या है तो आप दक्षिणवर्ती शंख को पूरे विधि-विधान के साथ घर पर जरूर स्थापित करें। आप खुद महसूस करेंगे कि आपकी कई समस्याएं खत्म हो गई हैं।

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