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Shukrawar vrat: कैसे रखें शुक्रवार-व्रत? पहले जान लें सही विधि नहीं तो होगा नुकसान!

Shukrawar vrat vidhi: शुक्रवार का व्रत संतोषी माता से संबंधित है। संतोषी माता को सुख, सम्पन्नता और वैभव की देवी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि इनके व्रत और पूजा से परिवार खुशहाल रहता है। हालांकि मान्यता ऐसी भी है कि इस व्रत को विधि पूर्वक करने से ही फायदा मिलता है। इस व्रत को करने पीछे कारण ये भी है कि इंसान को उसके जीवन में संतोष होना बहुत जरूरी है। कहते हैं कि यदि न हो तो व्यक्ति का शारिरिक और मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है।
शुक्रवार व्रत कैसे करें (shukrawar vrat vidhi)
व्रती को सर्वप्रथम ब्रह्ममुहूर्त में जगना चाहिए। इसके बाद घर को साफ-सुथरा करने के साथ-साथ पूजा स्थल को भी अच्छे से साफ करें। फिर स्वच्छ स्थान पर संतोषी माता की प्रतिमा रखें। अब माता संतोषी के सामने एक कलश में जल भरकर रखें। पुनः इस कलश के ऊपर किसी कटोरे में गुड़ व चना भरकर रखें। कटोरा यदि ताँबे का हो तो बेहतर है। इतना करने के बाद माता के सामने घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। फिर माता को चुनरी, अक्षत, फूल, सुगंधित द्रव्य आदि अर्पित करें। फिर आगे संतोषी माता को गुड़ व चने का भोग लगाएं
इसके बाद संतोषी माता की पढ़े। यहां यह ध्यान रखना है कि कथा अपनी कानों में अवश्य सुनाई दें।
नहीं करें खट्टे पदार्थ का सेवन (shukrawar vrat ki savdhaniyan)
शुक्रवार के व्रत में खट्टा न खाने की मान्यता सदियों से चली आ रही है। कहते हैं कि शुक्रवार के व्रत के दौरान खट्टी चीजों का सेवन न करने से संतोषी माता की कृपा बनी रहती है जिससे व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है। यहाँ तक कि कई महिलाएं इस व्रत के दौरान टमाटर का भी सेवन नहीं करती हैं।