Surya Grahan 2024 : जानिए इस साल पहला सूर्य ग्रहण कब और किस टाइम लगेगा
सूर्य ग्रहण क्यों लगता है
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब होती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकता है। यह घटना केवल अमावस्या के दिन ही हो सकती है जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है।
सूर्य ग्रहण के मुख्य कारण
सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की गति: सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों ही लगातार गतिमान हैं। जब चंद्रमा अपनी कक्षा में घूमते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो सूर्य ग्रहण होता है।
चंद्रमा का आकार: चंद्रमा का आकार पृथ्वी से देखने वाले सूर्य के आकार के लगभग बराबर होता है। जब चंद्रमा सूर्य के सामने आ जाता है, तो वह सूर्य को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है
अमावस्या: सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या के दिन ही हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अमावस्या के दिन चंद्रमा पृथ्वी की ओर अपना अंधेरा पक्ष दिखाता है।
सूर्य ग्रहण के तीन मुख्य प्रकार होते हैं
पूर्ण सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है तब पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है
आंशिक सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढक लेता है। तब आंशिक सूर्य ग्रहण होता है
वलयाकार सूर्य ग्रहण : जब चंद्रमा सूर्य के केंद्र से गुजरता है, लेकिन सूर्य के चारों ओर एक चमकदार वलय दिखाई देता है। तब वलयाकार सूर्य ग्रहण हो है
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सूर्य ग्रहण का उपयोग सूर्य और चंद्रमा के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।सूर्य ग्रहण का उपयोग ब्रह्मांड के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। हिंदू धर्म में, सूर्य ग्रहण को राहु और केतु के प्रभाव से जोड़ा जाता है।
इस्लाम धर्म में, सूर्य ग्रहण को ईश्वर की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। सूर्य ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है जो हर साल कई बार होती है। यह एक महत्वपूर्ण घटना है जिसका वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों महत्व है।