अब के सावन कितना पावन ,बहुत खास है इस बार का सावन

अब के सावन कितना पावन ,बहुत खास है इस बार का सावन

ज्योतिष डेस्क -मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद् चंडीगढ़
भारत में वसंत मास की तरह श्रावण मास का भी संपूर्ण जनमानस को बेसब्री से इंतजार रहता है जब चारों ओर मानसून के दौरान प्रकृति के साथ साथ तथा मानस पटल पर भी हरियाली छाने लगती है।
गुरु पूर्णिमा तथा आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन, 6 जुलाई से उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और वैधृति योग लिए, सावन के सोमवार आरंभ हो रहे हैं जो 3 अगस्त को समाप्त होंगे। चंद्र मकर राशि में तथा गुरु अपनी ही धनु राशि में होने से यह महीना और विशेष हो जाएगा।

इस बार सावन के महीने का आरंभ और समापन दोनों ही भगवान शिव के प्रिय वार सोमवार से हो रहा है। जिसे एक शुभ संयोग माना जाता है। शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि का क्षय होने से पूरा मास 29 दिन का है। जिसमें 5 सोमवार के अलावा कई विशेष पर्व व त्योहार इसी श्रावण मास में पड़ेंगे। ज्योतिषीय दृष्टि से भी इस बार सावन का महीना कुछ विशिष्ट माना जा रहा है, क्योंकि इस अवधि में काफी अंतराल के बाद 11 सर्वार्थ सिद्धि, 10 सिद्धि, 12 अमृत तथा 3 अमृत सिद्धि जैसे विशेष संयोग बन रहे हैं।
*कोरोना ग्रहण*
इन सुयोगों के बावजूद, मंदिरों में पहले जैसी भीड़ नहीं हो सकेगी। कांवड़ या शोभा यात्राएं नहीं हो सकेंगी। संक्रमण फैलने के डर से शिवलिंग को हाथ लगाने, जल या दूध चढ़ाने तथा लंगर लगाने की प्रथा या मान्यताएं आदि, दूरी बनाए रखने के कारण फीकी रह सकती हैं। मंदिरों में भीड़ जुटाने की बजाय, घर में ही छोटे शिवलिंग पर अभिषेक करना अधिक उपयुक्त रहेगा।
*श्रावण के सोमवार की तालिका*
06 जुलाई- पहला सोमवार
13 जुलाई- दूसरा सोमवार
20 जुलाई- तीसरा सोमवार
27 जुलाई- चौथा सोमवार
03 अगस्त- पांचवां व अंतिम सोमवार
इसके अलावा ये त्योहार, व्रत, एवं पर्व भी सावन को विशेष बना रहे हैं-
07 जुलाई को मंगला गौरी व्रत,
16 को कामिका एकादशी,
20 को सोमवती व हरियाली अमावस,
23 को हरियाली तीज,
25 को नाग पंचमी,
30 जुलाई को पवित्रा एकादशी व्रत और
03 अगस्त को रक्षा बंधन।
सावन के सोमवार को खरीदें इनमें से कोई भी एक चीज, होगा भाग्य उदय भस्म: पहले सोमवार को या किसी भी सावन के सोमवार को शिव मूर्ति के साथ यदि भस्म रखते हैं तो शिव कृपा मिलेगी। रुद्राक्ष: ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। इसलिए यदि आपइसे सावन के सोमवार को घर में लाते हैं और घर के मुखिया के कमरे में रखते हैं तो भगवान शिव न केवल रुके हुए काम को पूरा करते हैं, बल्कि इससे आर्थिक लाभ भी होता है। इससे प्रतिष्ठा मेंभी वृद्धि होती है। गंगा जल: भगवान शंकर ने गंगा मां को अपनी जटा में स्थान दिया था। इसलिए यदि आप सावन के सोमवार को गंगाजल लाकर घर की किचन में रखते हैं तो घर में सम्पन्नता बढ़ेगी और तरक्की व सफलता मिलती है। चांदी या तांबे का त्रिशूल: घर के हॉल में चांदी या तांबे का त्रिशूल स्थापित करके आप घर की सारी नेगेटिव एनर्जी खत्म कर सकते हैं। इस बार सावन में इसे जरूर लाएं। सोमवार शाम पढ़ें शिव चालीसा, भोलेनाथ प्रसन्न होकर देंगे यह वरदान चांदी या तांबे का नाग: नाग को भगवान शिव का अभिन्न अंग माना जाता है। घर के मेन गेट के नीचे नाग-नागिन के जोड़े को दबाने से रुके हुए काम पूरे होते हैं। डमरू: घर में डमरू रखने से नेगेटिव एनर्जी का असर नहीं होता। खासतौर से यदि आप इसे बच्चों के कमरे में रखें तो ज्यादा अच्छा होगा। बच्चे किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से बचे रहेंगे और उन्हें हर काम में सफलता भी प्राप्त होती है। जल से भरा तांबे का लोटा: घर के जिस हिस्से में परिवार सबसे ज्यादा रहता है, वहां एक तांबे के लोटे में जल भरकर रख दें। इससे घर के लोगों के बीच प्रेम और विश्वास बना रहेगा। ध्यान रखें किसमयसमय पर उस पानी को बदलते रहें। उस पानी को ऐसे ही जाया न करें, उसे किसी पेड़, पौधे में डाल दें। चांदी के नंदी: जिस प्रकार घर में चांदी की गाय रखने का महत्व है उसी प्रकार चांदी के नंदी घर में रखने का भी खास महत्व है। अपनी तिजारी, अलमारी में जहां आप पैसे या गहने रखते हैं, वहां चांदी के नंदी रखें। इससे आपको धन लाभ होगा और आपकी आर्थिक सम्पन्नता बढ़ेगी।
*सावन के महीने में भक्त तीन प्रकार के व्रत रखते हैं।*
1. सावन सोमवार व्रत
2. सोलह सोमवार व्रत
3. प्रदोष व्रत
श्रावण महीने में सोमवार को जो व्रत रखा जाता है, उसे सावन का सोमवार व्रत कहते हैं। वहीं सावनके पहले सोमवार से 16 सोमवार तक व्रत रखने को सोलह सोमवार व्रत कहते हैं और प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के प्रदोष के दिन किया जाता है।
*व्रत और पूजन विधि*
• सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
• पूजा स्थान की सफाई करें।
• आसपास कोई मंदिर है तो वहां जाकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें।
• भोलेनाथ के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें।
• दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें।
• भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें।
• ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल कीपत्तियां चढ़ाएं।
• सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं।
• पूजा का प्रसाद वितरण करें और शाम को पूजा कर व्रत खोलें।
• सोमवार शाम पढ़ें शिव चालीसा, भोलेनाथ प्रसन्न होकर देंगे यह वरदान
• अंत में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
विशेषः कोरोना काल के दृष्टिगत आप यह पूजा अपने घर बैठ कर भी कर सकते हैं। मंदिरों में सामाजिक दूरी तथा सफाई आदि का सख्ती से पालन करें। हिुंदू धर्म के अनुयायियों ने पहले भी इतिहास में देश काल पात्र के अनुसार स्वयं को बखूबी ढाला है और इस काल में भी ढाल सकते हैं।

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