लगातार असफलता कहीं आपके कुंडली मे पितृ दोष तो नही जानिए कैसे करें दूर

लगातार असफलता कहीं आपके कुंडली मे पितृ दोष तो नही जानिए कैसे करें दूर


Success Mantra -How to remove Pitra Dosha in Kundli by few puja vidhi

Jyotosh Desk -अक्सर यह देख गया है कि काफी प्रयास करने के बावजूद सफलता नही मिलती है और कई बार यह कारण आपकी कुंडली(Kundli Bhagya) मे पितृ दोष के कारण हो सकता है।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर कुंडली मे पितृ दोष(Kundli me pitra dosh ) कैसे दूर करें ।

पितृदोष का प्रभाव कम करने के लिए ऐसे कई आसान, सस्ते व सरल उपाय भी हैं जिनसे इसका प्रभाव कम हो सकता है।

अब सवाल यह उठता है कि कुंडली कैसे देखें (Kundli Kaise Dekhen)जिससे यह पता चल कि कुंडली मे किस प्रकार का दोष है जिसका निवारण किया जा सके ।

1. कुंडली में पितृ दोष(Kundli Me Pitra Dosha) बन रहा हो तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

2. अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराए। भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं।

3. इसी दिन अगर हो सके तो अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दान करने से भी यह दोष मिटता है।

4. पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें।

5. शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। इससे भी पितृ दोष की शांति होती है।

6. सोमवार प्रात:काल में स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें। 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है।

7. प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष का शमन होता है।

8. कुंडली (kundli matching) में पितृदोष होने से किसी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में सहायता करने पर भी लाभ मिलता है।कुंडली मिलान करते समय भी इस बात को दिखा लेना चाहिए कि वर या वधु पक्ष में किसी मे कुंडली मे दोष तो नही है ।

9. ब्राह्मणों को प्रतीकात्मक गोदान, गर्मी में पानी पिलाने के लिए कुंए खुदवाएं या राहगीरों को शीतल जल पिलाने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।

10. पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाएं। विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्‍भागवत गीता का पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलती है और दोष में कमी आती है।

11. पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों की मदद करने तथा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने से भी अत्यंत लाभ मिलता है।

Courtesy Jyotish Facebook

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