अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों के बाद 30 सिख काबुल से भारत पहुंचे

नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। अफगानिस्तान में सिखों पर लगातार बढ़ रहे हमलों को देखते हुए वहां से सिख समुदाय भारत आ रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को सिख समुदाय के 30 लोग काबुल से विशेष निजी विमान से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचे।
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों के बाद 30 सिख काबुल से भारत पहुंचे
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों के बाद 30 सिख काबुल से भारत पहुंचे नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। अफगानिस्तान में सिखों पर लगातार बढ़ रहे हमलों को देखते हुए वहां से सिख समुदाय भारत आ रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को सिख समुदाय के 30 लोग काबुल से विशेष निजी विमान से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचे।

अफगानिस्तान में अफगान सिखों और हिन्दू समुदाय पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं। इसी के चलते वहां मौजूद सिख परिवारों का भारत आना लगातार जारी है। 30 सिखों का एक ग्रुप, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, काम एयरलाइन्स के एक विशेष निजी विमान से काबुल से दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पहुंचने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने उनका स्वागत सत्कार किया। अपने देश पहुंचने और परिवार से मिलने के बाद सभी की आंखें नम हो गई।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्य और सिख मिशन दिल्ली के प्रमुख सुरिंदर पाल सिंह ने आईएएनएस को बताया कि हमने अफगानिस्तान से वापस लौटे सिख भाइयों का स्वागत किया है और इन्हें एयरपोर्ट से सीधे तिलक नगर स्तिथ श्री गुरु अर्जन देव के लिए लेकर जाएंगे।

ये भी बताया गया कि इन लोगों के पुनर्वास और अन्य सहयोग का काम भी समिति की तरफ से किया जाएगा। अभी भी अफगानिस्तान में करीब 110 हिन्दू और सिख बचे हुए हैं, जिनमें से 61 लोगों का ई-वीजा लंबित है।

तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही वहां सिख समुदाय सहित धार्मिक अल्पसंख्यक लोगों को बड़ी संख्या में हिंसा कर निशाना बनाया जा रहा है। यही वजह है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, भारतीय विश्व मंच और भारत सरकार के सहयोग से अफगान अल्पसंख्यकों, सिख समुदाय और हिंदुओं को वहां से बाहर निकाला जा रहा है।

गौरतलब है कि पिछले महीने 14 जुलाई को 21 सिखों का एक जत्था अफगानिस्तान की निजी काम एयरलाइन्स से भारत लाया गया था। जानकारी के मुताबिक साल 2020 तक अफगानिस्तान में करीब 700 हिन्दू और सिख थे, लेकिन अगस्त 2021 को तालिबान के कब्जे के बाद से कई लोगों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है।

--आईएएनएस

संकेत/एसकेपी

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