ईशनिंदा के खिलाफ की कानून की मांग, समान नागरिक संहिता का विरोध

लखनऊ, 22 नवंबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने ईशनिंदा के खिलाफ एक नया कानून बनाने की मांग की है और पवित्र शख्सियतों के अपमान के बढ़ते मामले पर चिंता व्यक्त की है।
ईशनिंदा के खिलाफ की कानून की मांग, समान नागरिक संहिता का विरोध
ईशनिंदा के खिलाफ की कानून की मांग, समान नागरिक संहिता का विरोध लखनऊ, 22 नवंबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने ईशनिंदा के खिलाफ एक नया कानून बनाने की मांग की है और पवित्र शख्सियतों के अपमान के बढ़ते मामले पर चिंता व्यक्त की है।

एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि बोर्ड ने कानपुर में एक बैठक में सुझाव दिया कि देश के सभी धर्मों को कानून में शामिल किया जाना चाहिए ताकि प्रतिष्ठित व्यक्तियों, धर्मों और धार्मिक विश्वासों को दुर्भावनापूर्ण प्रयासों से बचाया जा सके।

बोर्ड ने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) भारत जैसे विशाल बहु-धार्मिक देश के लिए न तो उपयुक्त है और न ही उपयोगी होगा, साथ ही कहा कि यह संविधान में निहित धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार के विपरीत है।

एआईएमपीएलबी ने एक बयान में कहा, भारत एक विश्वास वाला देश है और सभी नागरिक को अपने विश्वास और धार्मिक विश्वासों का अभ्यास करने और उन्हें मानने और उस पर कार्य करने और प्रचार करने का अधिकार है।

बोर्ड ने सरकार और न्यायपालिका से भी पवित्र शास्त्रों की व्याख्या करने से परहेज करने के लिए कहा है, क्योंकि केवल धार्मिक अधिकारी ही ऐसा करने के योग्य हैं।

उन्होंने कहा, यह नागरिकों के धार्मिक अधिकारों पर अतिक्रमण के समान है।

इस बीच, मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, मौलाना जलालुद्दीन उमरी और मौलाना फजलुर रहमान सहित वरिष्ठ मौलवियों ने कहा कि मथुरा और वाराणसी में सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए हिंदू महासभा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए और मथुरा में शाही ईदगाह की सुरक्षा की मांग की। वाराणसी में क्रमश: ज्ञानवापी मस्जिद को और मजबूत किया जाना चाहिए।

अखिल भारत हिंदू महासभा ने हाल ही में 6 दिसंबर को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटे ईदगाह के भीतर एक स्थान पर बाल गोपाल (बाल कृष्ण) की मूर्ति स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा की थी।

जबरन धर्म परिवर्तन के संबंध में की गई गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर मौलाना सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि इस्लाम में इसकी मनाही है।

उन्होंने कहा, लेकिन संविधान लोगों को धर्म और उसकी शिक्षाओं के अच्छे पक्ष का प्रचार करने की अनुमति देता है।

बोर्ड ने मांग की है कि सरकार को लिंचिंग पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, जिसे रोकना चाहिए और समुदाय के सदस्यों को अंतरधार्मिक विवाह से बचने की सलाह भी दी।

--आईएएनएस

एसएस/एएनएम

Share this story