उत्तराखंड में सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए जल्द बनेगी स्ट्रीट पुनर्वास नीति

देहरादून, 29 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तराखंड में सड़क पर भीख मांगने, कूड़ा बीनने, बाल श्रम करने वाले बच्चों के लिए जल्द ही स्ट्रीट पुनर्वास नीति बनेगी। इसके लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों को एक रिपोर्ट तैयार कर ड्राफ्ट बनाने को कहा है। जिसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा।
उत्तराखंड में सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए जल्द बनेगी स्ट्रीट पुनर्वास नीति
उत्तराखंड में सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए जल्द बनेगी स्ट्रीट पुनर्वास नीति देहरादून, 29 जुलाई (आईएएनएस)। उत्तराखंड में सड़क पर भीख मांगने, कूड़ा बीनने, बाल श्रम करने वाले बच्चों के लिए जल्द ही स्ट्रीट पुनर्वास नीति बनेगी। इसके लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों को एक रिपोर्ट तैयार कर ड्राफ्ट बनाने को कहा है। जिसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा।

दरअसल, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा प्रदेश में कई स्थानों पर छोटे बच्चे सड़कों पर कूड़ा बीनते भीख मांगते हुए दिखाई देते हैं। इसके साथ ही कई बच्चे बाल श्रम करते हुए भी दिख रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पहाड़ी जनपदों में ऐसे बच्चों की संख्या बहुत कम है, लेकिन मैदानी जनपदों में ऐसे बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसलिए अब ऐसे बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए स्ट्रीट चिल्ड्रन पुनर्वास नीति तैयार की जायेगी। जिसके लिए विभागीय अधिकारियों को ड्राफ्ट तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है। जल्द ही इस नीति को केबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखकर पारित कर 18 वर्ष से कम के बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा।

विधानसभा भवन में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग मंत्री रेखा आर्य ने महिला कल्याण के विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा प्रदेश के कई शहरों में स्ट्रीट चिल्ड्रन की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो चिंता का विषय है। महिला कल्याण की विभागीय बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि किस प्रकार हम प्रदेश में भिक्षावृति, कूड़ा बीनने, अनाथ, बाल श्रम और अन्य तरह के कामों में लगे बच्चों को मुख्यधारा में ला सके।

मंत्री रेखा आर्य ने कहा राज्य के जनपदों में विशेषकर जो मैदानी जनपद हैं जिनमें मुख्यरूप से देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह जिले शामिल हैं। उन जनपदों में जो स्ट्रीट चिल्ड्रन हैं। किस प्रकार से हम लोग उनके लिए पुनर्वास नीति और उनको शिक्षा की ओर, आर्थिक रूप से सशक्त और किस प्रकार से उनके अभिभावकों की काउंसलिंग कर सकते हैं। इसके के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें।

मंत्री रेखा आर्या ने कहा आज जो सुझाव आए हैं, उन्हें इस पुनर्वास नीति में सम्मिलित किया जाएगा, ताकि इस पुनर्वास नीति के बनने से इन बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के जरिये समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इसके साथ ही स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी के तहत ओपन शेल्टर होम, एनजीओ के माध्यम से इन्हें जोड़ने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा जल्द ही इस नीति को कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखकर पारित कर 18 वर्ष से कम के बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। साथ ही महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि इसे लेकर सभी विभागों का सहयोग लिया जाएगा। जिसमें पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम विभाग शामिल होंगे।

--आईएएनएस

स्मिता/एएनएम

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