संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने आने वाले वैश्विक जल संकट को लेकर चेताया

जिनेवा, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक विशेष एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन से बाढ़ और सूखे जैसे पानी से संबंधित खतरों और लोगों की संख्या का वैश्विक जोखिम बढ़ सकता है। पानी की किल्लत भी होने की आशंका है।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने आने वाले वैश्विक जल संकट को लेकर चेताया
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने आने वाले वैश्विक जल संकट को लेकर चेताया जिनेवा, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक विशेष एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन से बाढ़ और सूखे जैसे पानी से संबंधित खतरों और लोगों की संख्या का वैश्विक जोखिम बढ़ सकता है। पानी की किल्लत भी होने की आशंका है।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि डब्ल्यूएमओ ने मंगलवार को द स्टेट ऑफ क्लाइमेट सर्विसेज 2021: वाटर नामक अपनी नई रिपोर्ट में कहा कि 2018 में विश्व स्तर पर 3.6 बिलियन लोगों के पास प्रति वर्ष कम से कम एक महीने पानी की अपर्याप्त पहुंच थी और 2050 तक यह संख्या पांच अरब से अधिक होने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है, स्थिति इस तथ्य से खराब हो रही है कि पृथ्वी पर केवल 0.5 प्रतिशत पानी ही उपयोग योग्य और उपलब्ध ताजा पानी है।

डब्लूएमओ के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 20 वर्षो में पानी से संबंधित खतरों की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। 2000 के बाद से, बाढ़ से संबंधित आपदाओं में पिछले दो दशकों की तुलना में 134 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि के दौरान सूखे की संख्या और अवधि में भी 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अधिकांश सूखे से संबंधित मौतें अफ्रीका में हुईं, जो उस क्षेत्र में सूखे के लिए मजबूत एंड-टु-एंड चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता का संकेत देती हैं। अधिकांश बाढ़ से संबंधित मौतें और आर्थिक नुकसान एशिया में दर्ज किए गए थे, जबकि अफ्रीका सूखे से संबंधित मौतों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था।

डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी तालस कहते हैं, बढ़ते तापमान के परिणामस्वरूप वैश्विक और क्षेत्रीय वर्षा में परिवर्तन हो रहा है, जिससे वर्षा के पैटर्न और कृषि मौसम में बदलाव आ रहा है, जिसका खाद्य सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य और कल्याण पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है।

पिछले साल पानी से संबंधित चरम घटनाओं का सिलसिला जारी रहा, जिसमें लाखों लोग विस्थापित हुए और पूरे एशिया में सैकड़ों लोग मारे गए। अफ्रीका में दो अरब से अधिक लोग अभी भी पानी की कमी वाले देशों में रहते हैं और सुरक्षित पेयजल और स्वच्छता तक पहुंच की कमी का सामना करते हैं।

जल-संबंधी आपदाओं को कम करने में जल संसाधन प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए डब्ल्यूएमओ ने सिफारिश की है कि देश, विशेष रूप से छोटे द्वीप विकासशील राज्य और सबसे कम विकसित देश, एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और सूखे और बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणालियों में निवेश बढ़ाएं।

डब्ल्यूएमओ देशों से बुनियादी हाइड्रोलॉजिकल वैरिएबल्स के लिए डेटा एकत्र करने में क्षमता अंतराल को भरने का भी आग्रह करता है, जो जल क्षेत्र में बेहतर समर्थन अनुकूलन के लिए सूचना उपयोगकर्ताओं के साथ जलवायु सेवाओं के सह-विकास और संचालन के लिए जलवायु सेवाओं को रेखांकित करता है।

--आईएएनएस

एसकेके/आरजेएस

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