अवसाद से रहना है दूर तो पियो दूध
If you want to stay away from depression then drink milk
Nov 25, 2024, 12:40 IST
डॉ. शंकर सुवन सिंह : दूध एक संपूर्ण आहार है जो स्वस्थ दुधारू पशुओं के लैक्टियल स्राव से प्राप्त होता है। दुधारू पशुओं के ब्याने से 15 दिन पहले और ब्याने के 5 दिन बाद ही दूध का उपयोग होता है। दूध में मौजूद संघटक हैं- पानी, ठोस पदार्थ, वसा, लैक्टोज, प्रोटीन, खनिज वसा विहिन ठोस। अगर हम दूध में मौजूद पानी की बात करें तो सबसे ज्यादा पानी गधी के दूध में 91.5% होता है, घोड़ी में 90.1%, मनुष्य में 87.4%, गाय में 87.2%, ऊंटनी में 86.5%, बकरी में 86.9% होता है। दूध में कैल्शियम, मैग्नीशियम, ज़िंक, फास्फोरस, आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, फोलेट्स, विटामिन- ए, विटामिन- डी, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी-12, प्रोटीन आदि मौजूद होते हैं। गाय के दूध में प्रति ग्राम 3.14 मिली ग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है।
पुराणों में दूध की तुलना अमृत से की गई हैं, जो शरीर को स्वस्थ मजबूत बनाने के साथ-साथ कई सारी बीमारियों से बचाता है। गाय का दूध आंतरिक पित्त-संबंधी समस्याओं जैसे की सीने में जलन, अल्सर और त्वचा पर चकत्ते को कम करने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार , वयस्कों को रात को सोने से पहले दूध पीना सबसे अच्छा बताया गया है। जबकि बच्चों को सुबह ही दूध पी लेना चाहिए। रात को सोने से पहले दूध पीने वाले व्यक्ति का ओजस बढ़ता है। पूर्ण या उचित पाचन की अवस्था ओजस कहलाती है। वहीं, गाय का दूध विटामिन का एकअच्छा स्रोत है। गाय का दूध मेलाटोनिन का समृद्ध स्रोत है। मस्तिष्क में स्थित पीनियल ग्रंथि एक छोटी अंतःस्रावी ग्रंथि है
जो मेलाटोनिन हार्मोन को स्रावित करती है। यही मेलाटोनिन हार्मोन नीद को बढ़ावा देने में सहायक होता है। वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर सर्दियों के दौरान, कुल दैनिक दूध में मेलाटोनिन की सांद्रता, औसतन, गर्मियों की तुलना में 74.7% अधिक होती है। अतएव सर्दियों में दूध का पीना और ज्यादा फायदेमंद है। दूध में ट्रिप्टोफैन नामक एमिनो एसिड पाया जाता है। सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के उत्पादन में ट्रिप्टोफैन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है
जो मनोदशा (मूड), संज्ञानात्मक तर्क और स्मृति को प्रभावित करता है। दिन में दुही गई गायों की अपेक्षा रात्रि में दुही गई गायों से एकत्रित किया गया दूध ट्रिप्टोफैन के अलावा इसमें मेलाटोनिन की भी भरपूर मात्रा होती है। अतएव हम कह सकते हैं कि दूध पीने से तनाव और अवसाद दूर रहता है।