सर्दियों में पुरानी हड्डियों की चोटों का दर्द क्यों उभरता है? कारण और बचाव के उपाय

Why do old bone injuries ache more in winter? Causes and preventive measures.
 
सर्दियों में पुरानी हड्डियों की चोटों का दर्द क्यों उभरता है? कारण और बचाव के उपाय
सर्दियों के मौसम में पुरानी हड्डियों की चोटों, मोच या जोड़ों की सर्जरी से प्रभावित हिस्सों में दर्द का फिर से उभरना एक बहुत ही सामान्य समस्या है। दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक्स एंड स्पाइन डॉ. आशीष धवन के अनुसार, तापमान में गिरावट शरीर में होने वाले कुछ शारीरिक बदलावों के लिए ज़िम्मेदार होती है, जो दर्द को बढ़ाते हैं।

दर्द उभरने के मुख्य कारण (Reasons for Increased Pain)

डॉ. आशीष धवन बताते हैं कि ठंड के मौसम में दर्द बढ़ने के पीछे कई कारक ज़िम्मेदार होते हैं

  • रक्त वाहिकाओं का संकुचन: तापमान गिरने पर शरीर की रक्त वाहिकाएँ सिकुड़ने लगती हैं, जिससे चोट वाले हिस्से में रक्त प्रवाह (Blood Flow) कम हो जाता है।

  • ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी: रक्त प्रवाह कम होने से पुराने चोट वाले ऊतकों (Tissue) को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाती।

  • ऊतकों का ठंडा और सख्त होना: प्रभावित ऊतक ठंडे और सख्त महसूस होने लगते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उस जगह पर दर्द, अकड़न और सूजन की समस्या दोबारा महसूस होने लगती है।

  • तापमान के प्रति संवेदनशीलता: गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस या पुराने फ्रैक्चर वाले लोगों में जोड़ों की नसें तापमान में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं।

  • मांसपेशियों का संकुचन: ठंड में शरीर अपने तापमान को बनाए रखने की कोशिश करता है, जिससे मांसपेशियाँ सिकुड़ जाती हैं। पुरानी चोट के आसपास की कमजोर मांसपेशियाँ इस संकुचन के कारण और सख्त हो जाती हैं, जिससे दर्द बढ़ जाता है।

  • विटामिन D और कैल्शियम की कमी: सर्दियों में शारीरिक गतिविधि में कमी और धूप कम मिलने के कारण विटामिन D और कैल्शियम का स्तर घटने लगता है, जो सीधे हड्डियों की ताकत को प्रभावित करता है।

दर्द प्रबंधन और बरतने योग्य सावधानियाँ

सर्दियों में पुरानी चोट के दर्द को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली और खान-पान में बदलाव ज़रूरी हैं:

 डाइट और पोषण बेहतर करें

  • कैल्शियम और विटामिन D: दूध, दही, पनीर, और धूप में बैठना (विटामिन D के लिए) हड्डियों की ताकत के लिए बेहद फायदेमंद है।

  • ओमेगा-3 फैटी एसिड: अखरोट, बादाम और मछली जैसी चीज़ों को आहार में शामिल करें, जो सूजन कम करने में सहायक होते हैं।

  • चिकित्सकीय सलाह: दर्द निवारक दवाओं या तेल मालिश का प्रयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करें, क्योंकि हर चोट की स्थिति अलग होती है।

 आवश्यक सावधानियाँ (Precautions)

  • गर्म रखें: चोट या फ्रैक्चर से प्रभावित हिस्से को हमेशा गर्म रखें। ठंडी हवा से बचाव के लिए गर्म कपड़े या वूलन बैंडेज का इस्तेमाल करें।

  • गतिशीलता बनाए रखें: नियमित रूप से हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करें ताकि रक्त प्रवाह बना रहे और जोड़ों की गतिशीलता बनी रहे।

  • जकड़न से बचें: बहुत देर तक एक ही स्थिति में बैठने या लेटे रहने से बचें, क्योंकि इससे जकड़न (Stiffness) बढ़ती है।

  • गर्म सिकाई: घरेलू उपायों में हल्की गर्म सिकाई बहुत फायदेमंद हो सकती है। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और दर्द में राहत मिलती है।

  • डॉक्टर से परामर्श: अगर दर्द लगातार बढ़ता जाए, सूजन आ जाए या चलने-फिरने में कठिनाई महसूस हो, तो तुरंत जाँच करवाना ज़रूरी है।

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