utensils for healthy cooking Which utensil is best for health? किस बर्तन में भोजन करना अच्छा होता है ?

किस बर्तन में भोजन करे

 शुद्ध भोजन क्या है? 

सनातन धर्म में पहले  से ही हाइजीन की व्याख्या की गई है शुद्धता की बात कही गई है और शुद्धता की अगर बात चलती है तो वहां पर पका हुआ खाना यानी कि घी में पका हुआ खाना को खाने की बात कही गई है जो की शुद्ध माना जाता है उसी जगह अगर हम उबले खाने की बात करते हैं जैसे की दाल चावल हो गया रोटी हो गई तो उसमें जो वायरस होते हैं उसकी संख्या ज्यादा होती है शुद्धता उसमें नहीं उतनी पाई जाती है जितना की पके हुए खाने में |

यानी कि तले हुए खाने में इसलिए कभी भी अपने देखा होगा कि ब्राह्मण भोज कराया जाता है तो वह लोग केवल घी में ही बनी हुई चीज तली हुई चीज पकी हुई चीज जो पूरी तरीके से पकी  हो वही कहते हैं |

खाना बनाने के लिए सबसे अच्छा बर्तन कौन सा होता है?

हम बात करें अगर बर्तन की तो मिट्टी का बर्तन काफी शुद्ध माना जाता है लेकिन मिट्टी के बर्तन को दोबारा उपयोग इसलिए नहीं किया जाता है कि उसको साफ करने के बाद में भी उसमें विषाणु रह जाते हैं |

उसी जगह अगर फूल का बर्तन उपयोग करते हैं तो उसकी पूरी तरीके से साफ करके उपयोग फिर से किया जाता है उसी जगह स्टेनलेस स्टील के बर्तनों को शुद्ध नहीं माना जाता है इसलिए उसकी उपयोगिता नहीं है सनातन धर्म की अगर बात करें तो उसमें पहले भी खाने को पत्तों पर खाया जाता था जिससे पेट को खाने के बाद में फेंक दिया जाता था उसको फिर से उपयोग नहीं किया जाता था ।

इसलिए वैज्ञानिक तथ्य तो हमारे अलग हैं लेकिन सनातन धर्म और वैज्ञानिक तत्वों को अगर हम एक साथ जोड़ते हैं तो उसमें पाते हैं कि जो सनातन धर्म में व्याख्या की गई है उसी को वैज्ञानिकों ने बाद में प्रूफ भी किया है कोरोना कल में हमने देखा था कि इसमें कई सारी चीज जो हाइजीन की बात चलती थी तो उसमें वही चीज जो पुराने समय में हम लोग उपयोग करते रहे हैं वही पाया जाता रहा है उसी को फिर से उपयोग करने जैसे कि आज कुल्हड़ और पत्तल जो की पत्तों से बने होते हैं वह फिर से उपयोग होने लगा है। 

भोजन करने के लिए किस धातु के बर्तन सबसे अच्छे होते हैं?

भोजन करने के लिए मिटटी और कांसे के बर्तन को सबसे अच्छा माना गया है लेकिन इसमें रखकर खट्टे पदार्थ बिलकुल नहीं खाने चाहिए | चांदी के बर्तन में भोजन करना सबसे शुद्ध माना  गया है लेकिन यह केवल पहुंच वालों के लिए है क्योंकि सभी लोग चांदी के बर्तन का उपयोग नहीं कर सकते है | आजकल कांच का बर्तन भी उपयोग किया जाता है जो काफी अच्छा माना जाता है और चीनी मिटटी के बर्तन भी उपयोग में लाये जा सकते हैं | 

क्या एलुमिनियम से बने हुए बर्तनों में खाना पकाकर खाने से मानव शरीर को कोई नुक्सान हो सकता है? क्या वास्तव में इससे खाना ज़हरीला होता है? यदि हाँ, तो खाने के बर्तन बनाने में इसका उपयोग बंद क्यों नहीं किया जा रहा है?

एल्मुनियम में पका खाना और एल्मुनियम के बर्तन में खाना खाना दोनों बेहद हानिकारक हो सकते हैं | एल्मुनियम हमारे शरीर में धीरे धीरे जमा होता चला जाता है और किडनी लिवर पर सीधे असर डालता है इसलिए एल्मुनियम में बना हुआ खाना अवॉयड करें | जो लोग भी स्वास्थ्य के बारे में जागरूक हो रहे हैं वह एल्मुनियम के बर्तन को हटा रहे हैं और पारम्परिक बर्तन को अपना रहे हैं | इसलिए अगर आप भी अपने स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हैं तो एल्मुनियम को अपने किचन से बिलकुल हटा दे | 

क्या हमें लोहे के बर्तन में बने खाने को खाना चाहिए? इसके क्या फायदे हैं? 

लोहे के बर्तन में खाना पकाने से आयरन की मात्रा शरीर में जाती है जो हीमोग्लोबिन को भी मेंटेन करती है | हमारे पारम्परिक बर्तनों में लोहे की कढ़ाई उपयोग किया जाता है जिसका लाभ होता है और जिन लोगों के बाल भी गिरते हैं वह भी लोहे की कढ़ाई में बना हुआ खाना खाकर अपने शरीर में आयरन  की मात्रा बढ़ा सकते हैं जिससे कि बाल गिरना बंद हो जायेंगे लेकिन यह भी कहा गया है की हमेशा नहीं प्रयोग करना चाहिए क्योंकि आयरन पेट में कब्ज भी करता है | 

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