“8वें उत्तर प्रदेश #महोत्सव 2024” में चौथे दिन दिखा #राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उत्साह,

Uttar pradesh mahotsav
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ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ । सृजन फाउंडेशन द्वारा आयोजित बीस दिवसीय “8वें उत्तर प्रदेश महोत्सव 2024” के चौथे दिन राज्य सभा सांसद दिनेश शर्मा मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें उस मंच पर आने पर अत्यंत प्रसन्नता हुई जहां से उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाना शुरू हुआ था। इस अवसर पर पूर्व मेयर सुरेश चन्द्र अवस्थी विशिष्ट अतिथि थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश की उन्नत संस्कृति को दर्शाने वाले इस महोत्सव की प्रशंसा की। इसके साथ ही इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि पूर्व एमएलसी अरविंद त्रिपाठी  भी उपस्थित रहे।

शनिवार 13 जनवरी को यह आयोजन जानकीपुरम विस्तार 60 फिटा रोड स्थित, भुइयन देवी मंदिर के पास बंधुजी उत्सव वाटिका में हुआ। इस अवसर पर आगंतुक मेले में हस्तशिल्प, झूले और खानपान का भी आनंद ले रहे हैं। महोत्सव में दिव्य स्नेह फाउंडेशन द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। नम्रता के कुशल मंच संचालन में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। इस अवसर पर इशिका श्रीवास्तव ने “ओ रे पिया” पर प्रभावी नृत्य कर तालियां बटोरीं। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होने जा रहा है।

ऐसे में खासतौर से दिव्य श्री ने “हम कथा सुनाते राम सकल गुण” पेश कर प्रशंसा हासिल की। इसके साथ ही और नम्रता ने “मेरी झोपड़ी के भाग्य” और दिव्य श्री ने “मेरे घर राम आये हैं" पेश कर आगंतुकों का दिल जीत लिया। अनिल कश्यप ने “रिमझिम गिरे सावन”, देवेन्द्र श्रीवास्तव ने “डम डम डिगा डिगा”, सुभाष श्रीवास्तव ने “मैंने तेरे लिए ही सात रंग”, मयंक तिवारी ने “हमें तुमसे प्यार कितना”, विनय कुमार ने “न तुम हमे जानो”, राकेश रावत ने “कोई हसीना जब रूठ”, चन्दन कुमार ने “जादू तेरी नज़र”, आशुतोष कुमार ने “सांसो की ज़रूरत है जैसे”, नम्रता अनिल कश्यप ने “दिल है कि मानता नही” और शिक्षा अग्रवाल ने “हे गिरी नन्दनी” पर अपनी मनभावन प्रस्तुतियां दीं। 

सृजन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.अमित सक्सेना के अनुसार 10 जनवरी से शुरू हुआ यह महोत्सव 30 जनवरी 2024 जारी रहेगा। इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष्य में कराई गई थी। यह महोत्सव उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा आयोजन है।

इस साल के महोत्सव की थीम तम्बाकू और नशा मुक्ति के साथ इको फ्रेंडली जीवन को अपनाना है। इस अवसर पर राजेश राज गुप्ता, डॉ. अर्चना सक्सेना, पंकज तिवारी, रोमा श्रीवास्तव, शैलेन्द्र मोहन, अजय यादव, दिव्यांशी शुक्ला, दिव्या शुक्ला, पिंकी शुक्ला, शशांक सक्सेना, शशिमोहन शिवहरे, संजीव सक्सेना, अनूप सक्सेना, रमेश प्रसाद अवस्थी, दिनेश कुमार वर्मा और सुनीति गुप्ता उपस्थित रहीं। इस महोत्सव में वोकल फ़ॉर लोकल पर जोर देते हुए हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।

उसमें आगंतुकों ने दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुएं, खादी, सिल्क से बने वस्त्र, घरेलू साज-सज्जा का सामान, लकड़ी पर कारीगरी की हुई वस्तुएं, खिलौने, मिट्टी के बर्तन, आयुर्वेद चिकित्सा और आभूषण के स्टॉल सहित झूले और खानपान का लुत्फ उठाया।

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