चैनपुरवा कायाकल्प फाउंडेशन बाराबंकी के गांव की बदल रहा तस्वीर ,जड़ी बूटियों का व्यवसाय करने को प्रेरित किया 

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Barabanki news  आज चैनपुरवा कायाकल्प फाउंडेशन के तत्वावधान में ग्राम चैनपुरवा में एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में गांव के लोगों ने हिस्सा लिया। 

फाउंडेशन की ओर से कोषाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, चार्टर्ड अकाउंटेंट,  मानवाधिकार संगठन की सुश्री नम्रता तिवारी,  चाइल्ड केयर लाइन बाराबंकी के पदाधिकारी गणों, फाउंडेशन के सचिव के निमित सिंह के साथ डॉ  अरविंद चतुर्वेदी ने प्रतिभाग किया।

डॉक्टर चतुर्वेदी ने मिशन कायाकल्प  की शुरुआत की चर्चा करते हुए बताया कि यह मिशन इंकलाब जिन्दाबाद के नारे के साथ शुरू किया हुआ था जिसका उद्देश्य चैनपुरवा के लोगों की सोच में बदलाव लाना था। मिशन ने 4 लक्ष्य रखे थे।

पहला, अधिक से अधिक लोगों को रोज़गार के अवसर देना, दूसरा, लोगों को सरकारी योजनाओं जैसे वृद्धवस्था  पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांगता पेंशन, विकलांगता सर्टिफिकेट, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, गर्भवती महिला सहायता, स्वरोजगार सहायता आदि, तीसरा गांव के लोगों को विभिन्न एनजीओ से जोड़ना जिससे उन्हें स्वरोजगार के अवसर मिल सकें और चौथा गांव के लोगों में राष्ट्रीय एकता और अखंडता की चेतना जगाना।

डॉक्टर चतुर्वेदी ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पिछले लगभग 1 वर्ष में उक्त चारों लक्ष्यों की प्राप्ति में आशातीत सफलता मिली है। इस अवसर पर फाउंडेशन के कोषाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा ने गांव के लोगों को बताया की फाउंडेशन उनके बच्चों की पढ़ाई, असमर्थ लोगों के घर में लड़कियों के विवाह में मदद और गंभीर रूप से बीमार अशक्त लोगों को मदद करने की योजना बना रहा है।

चाइल्ड लाइन प्रभारी ने बताया की यदि किसी बच्चे के मां या पिता या दोनों स्वर्गवासी हो चुके हैं तो ऐसे बच्चों को पंजीकरण के बाद 18 वर्ष की आयु तक ₹2000 प्रति माह का वजीफा मिल सकता है। इसी प्रकार उन्होंने अन्य सरकारी योजनाओं के बारे में बताया।

सुश्री नम्रता तिवारी ने गांव के लोगों से जड़ी बूटियों एवं आयुर्वेद से जुड़े वृक्षों की छाल और पत्तियों का व्यवसाय करने का आह्वान किया। आज लखनऊ की एहसास संस्था और आईटीसी कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए खाद्यान्न का अन्नपूर्णा किट बनाकर  125 परिवारों को वितरित किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर चतुर्वेदी ने ग्राम गीत करें राष्ट्र निर्माण बनाएं मिट्टी से अब सोना का सामूहिक गान कराया और फिर राष्ट्र भक्ति के नारे लगवाए।

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