किसानों को सीखाना चाहिए की पानी फसल को चहिये है , मिटटी को नहीं:भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय के आयुक्त काडा अनुज कॅवल

Farmers should be taught that the crop needs water, not the soil: Anuj Kawal, Commissioner, Ministry of Jal Shakti, Government of India.
Farmers should be taught that the crop needs water, not the soil: Anuj Kawal, Commissioner, Ministry of Jal Shakti, Government of India.
लखनऊ। विश्व बैंक के सहयोग से ग्रेटर शारदा सहायक समादेश द्वारा दिनांक 24.02.2024 दिन शनिवार को एक तकनीकी कार्यशाला ‘‘कमाण्ड एरिया डेवलपमेन्ट थ्रू माईक्रोएरिगेशन‘‘ पर होटल ताज गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित की गयी,  जिसमें  अनुज कॅवल, आयुक्त काडम भारत सरकार नई दिल्ली, विश्व बैंक डब्ल्यू0आर0जी0 के कन्ट्री कोआर्डिनेटर  अजीत राधाकृष्नन, ग्रेटर शारदा सहायक समादेश के विशेष सचिव/अध्यक्ष एवं प्रशासक डॉ0 हीरा लाल, अपर आयुक्त  राजीव यादव तथा विभिन्न प्रदेशों से आये हुये प्रतिनिधियों, प्रदेश के सिंचाई, कृषि, उद्यान के अधिकारियों एवं स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों तथा पद्मश्री सम्मानित विभूतियों द्वारा भाग लिया गया।  


 कार्यशाला की शुरूआत डॉ0 योगेश बन्धु, वर्ल्ड बैंक द्वारा अतिथियों के स्वागत से की गयी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये ग्रेटर शारदा सहायक समादेश के अपर आयुक्त  राजीव यादव द्वारा माईक्रोएरिगेशन के माध्यम से की जाने वाली सिंचाई के लाभ और उसकी चुनौतियों के विषय में जानकारी देते हुये जल संरक्षण के महत्व को विस्तारपूर्वक बताया गया। कार्यक्रम में डॉ0 हीरा लाल, अध्यक्ष एवं प्रशासक, ग्रेटर शारदा सहायक द्वारा कहा गया कि पानी को बचाने के लिए हमें पानी के प्रति अत्यन्त संवेदनशील होना होगा अर्थात हर व्यक्ति एक अपने भीतर एक जनून पैदा करना होगा।  सभी को एक साथ मिलकर माईक्रोएरिगेशन की एक फौज तैयार करनी होगी, ताकि सभी लोग मिलकर जल के गिरते हुये स्तर को रोक सके।

जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए भी यह कदम आवश्याक है। वर्ल्ड बैंक डब्ल्यू0आर0जी0 के कन्ट्री कोआर्डिनेटर  अजीत राधानकृष्नन द्वारा विकासशील देशों में जल की महत्वपूर्ण भूमिका को दृष्टिगत रखते हुये माईक्रोएरिगेशन को बढ़ावा देने के लिए वर्ल्ड बैंक की तरफ से हर सम्भव मदद देने का आश्वासन दिया। भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय के आयुक्त काडा  अनुज कॅवल द्वारा प्रदेश और प्रदेश से बाहर चल रही माईक्रोएरिगेशन की परियोजनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये, उन्होंने कहा कि माइक्रोएरिगेशन का अर्थ केवल खेत तक पानी पहुचाना नहीं है बल्कि पौधों की जड़ों में पानी की उपलब्धता सुनिष्चित कराना है। उन्होंने इस संदर्भ में अटल भूजल योजना, पी0एम0के0एस0वाई (प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना) आदि पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम को सम्बोंधित करते हुये उन्होंने अपील की माइक्रोएरिगेशन को अपनाकर कम पानी का प्रयोग कर अधिक फसल और अधिक कमाई के लक्ष्य की पूर्ति की जाय। उन्होंने इस बात पर जोर दिया की किसानों को सीखाना चाहिए की पानी फसल को चहिये है , मिटटी को नहीं ।कार्यक्रम में कई तकनीकी सत्र भी आयोजित किये गये, जिनमें विशेष सचिव-सिंचाई  कुलदीप नारायण श्रीवास्तव,  हिमांशु कुमार-मुख्य अभियन्ता, सरयू, अधीक्षण अभियन्ता-सरयू परियोजना, सोमनाथ जाधव,जैन एरिगेशन महाराष्ट्र, विकास रजोरिया, डब्ल्यू0आर0डी0 राजगढ़ मध्य प्रदेश, आशुतोश जी0जी0आर0सी0, गुजरात, प्रो0 देवाशीष दास गुप्ता, आई0आई0एम0, लखनऊ, पद्मश्री  उमाशंकर पाण्डेय,  मानसी भागर्व-डब्ल्यू0 फाउण्डेशन,  अमिता जैन, टाटा ट्रस्ट,  फारूख रहमान-वाटरएड, अशोक मुदगलकर,कर्नाटक एवं विभिन्न सिंचाई, स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने विचार रखे गये।  

कार्यक्रम में माइक्रोएरिगेशन से जुडे़ हुये विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधियों द्वारा पावर पॉइंट प्रजेन्टेशन भी किया गया, जिस पर उपस्थित कृषकों, ग्राम प्रधानों और अधिकारियों द्वारा प्रश्नोत्तर के माध्यम से जानकारी साझा की गयी। गोष्ठी में साझा ज्ञान से यह निष्कर्ष उभर कर आया कि भारत और खास कर प्रदेश में आने वाले समय मे नए प्रोडक्ट्स पर धनराशि वाटर यूज़ एफ्फिसिएन्सी/काडा वर्क पर लगाने हेतु ध्यान देना चहिये ताकि लाभार्थियों को योजना का सम्पूर्ण लाभ मिल सके गोष्ठी में यह भी निष्कर्ष निकला कि शहरों में 24 घंटे पानी की सप्लाई, नदियों की सफाई से बचाने के लिए जल दक्षता वाले काडा वर्क करना समय की मांग है।  कार्यक्रम में डॉ0 हीरा लाल, अध्यक्ष एवं प्रशासक, ग्रेटर शारदा समादेश द्वारा माइक्रोएरिगेशtन के प्रति जागरूकता लाने और इसकी बेहतर तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रदेश पर एक समिति गठित करने का निर्णय लिया, जिससे उपरोक्त कार्यशाला में आये हुये सुझावों, बेस्ट प्रेक्टिस, अन्य प्रदेशों में चल रहे प्रोजेक्ट्स के आधार पर प्रदेश में भी माइक्रोएरिगेशन पर भी कार्य किया जा सके।  कार्यक्रम के अन्त में विश्व बैंक के प्रतिनिधि योगेश बन्धु द्वारा आये हुये समस्त प्रतिनिधियों को आभार व्यक्त किया गया।

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

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