गोमती तट पर पांच हजार महिलाओं ने सामूहिक सुंदरकांड कर इतिहास रचा
हनुमान चालीसा पाठ के बाद सुंदरकांड के सरस पाठ की अगुवाई भी पंकज मिश्रा ने ही की। इस क्रम में विद्द्द्योलमा शक्तिपीत की रजनी शुक्ला के निर्देशन में गणेश वंदना 'जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति' पेश की गई। उनके ही निर्देशन में रामोत्सव के अंतर्गत प्रभु राम के जन्म से लेकर होलिकोत्सव तक के विविध प्रसंगों को नृत्य के माध्यम से प्रभावी रूप से पेश किया गया। इन प्रस्तुतियों में विशाल, अरुण, दिशा, सौनाली, अर्चना, रेखा, नीतू, दिव्या, सृष्टि राज, नमन, अंशिका, शानवी, गुड़िया, ताशी सहित अन्य ने उत्साह के साथ भाग लिया।
इस आयोजन में छितवापुर स्थित श्रीशिव प्रसाद संस्कृत महाविद्यालय के बटुकों ने मंगलाचरण का मधुर पाठ किया। बीना श्रीवास्तव के हनुमान महाराज के भजन के उपरांत नैमिषारण्य तीर्थ से आमंत्रित 12 ब्राह्मणों ने विधि विधान से आरती भी की। बाद में, सभी आगंतुकों को प्रसाद भी वितरण किया गया। आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों में महंत देव्यागिरि सहित कई अन्य शामिल रहे।
इस अवसर पर सपना गोयल ने अपने ओजस्वी सम्बोधन में आह्वान किया कि हर सनातनी स्थानीय मंदिरों पर हर मंगलवार को एकत्र होकर सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। सपना गोयल श्रीपरमान्द हरि हर मन्दिर की संस्थापक है, इनके प्रयासों से धर्म जागरण के साथ-साथ नारीसशक्तिकरण को भी बल मिल रहा है। सामूहिक सुंदर कांड पाठ में इंदिरा नगर निवासी श्रीमती वत्सला, नीलम दीक्षित, रामेश्वरी मिश्रा, मृदुला गुप्ता, शर्मिला गुप्ता, बेबी पाण्डेय, नीलम पाण्डेय, पिंकी, किरण, पूनम पाण्डेय, रूबी राय, नीलम मिश्रा, ललिता, अनुराधा, सुषमा आदि की उपस्थिति खास रही।