Gonda doctors issue गोंडा डीएम के व्यव्हार से नाराज डॉक्टरों का इस्तीफा ,ठप हो सकती है स्वास्थ्य सेवाएं 

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Big breaking डीएम गोंडा ने डॉक्टरों को निठल्ला ,जमूरा और कामचोर कहा तो डॉक्टरों ने क्षुब्ध होते हुए दे दिया इस्तीफा 


गोंडा के जिलाधिकारी की कार्यशैली से नाराज होते हुए गोंडा के ACMO  सहित सीएससी के सारे चिकित्सा अधीक्षक ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है उन्होंने सीएमओ को दिए गए पत्र में कहा है कि पहले भी एसीएमओ से जिलाधिकारी गोंडा द्वारा अभद्रता करने के कारण उनके द्वारा इस्तीफा दे दिया गया था और अब बैठकों में इस तरीके से जिलाधिकारी द्वारा शिक्षकों से व्यवहार किया जाता है वह पूरी तरीके से अमर्यादित है और जिन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है वह अमर्यादित है जिससे वे लोग नाराज है और उन्होंने अपना इस्तीफा जहां मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोंडा को सौंपा है वहीं इसकी प्रति मंत्री चिकित्सा विभाग से और अन्य से संबंधित लोगों को भेजते हुए इस्तीफा को स्वीकार करने का निवेदन किया है।


गोंडा में चिकित्सा सेवा ठप होने का हुई आशंका 

डीएम के व्यवहार से नाराज एसीएमओ डा एपी सिंह के इस्तीफे के बाद बुधवार रात यहां बुलाई गई आपात बैठक में सभी सोलह सीएचसी अधीक्षकों ने देर रात अपने-अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। सभी ने जिला अधिकारी पर चिकित्सकों के प्रति अपमान व्यवहार और टिप्पणी को लेकर इस्तीफा दे दिया है। अधीक्षकों ने सामूहिक इस्तीफा का पत्र सीएमओ को दे दिया है। इतनी बड़ी संख्या में डाक्टरों के इस्तीफे से स्वास्थ्य सेवाओं के ठप होने की आशंका बढ़ गई है। माना जा रहा है कि चिकित्सकों के समर्थन में कल और स्वास्थ्य संगठन आ सकते हैं। सीएमओ ने सामूहिक इस्तीफा पत्र मिलने की पुष्टि कर दी है।

इस्तीफे की जानकारी नहीं, आरोप निराधार--  डी एम

 डीएम मार्कण्डेय शाही ने कहा कि एसीएमओ डॉ. एपी सिंह के इस्तीफे की जानकारी अभी उन्हें नहीं है। बैठक में शासकीय कार्यों को लेकर निर्देश दिए गए, कोई असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया। एसीएमओ की ओर से जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे निराधार हैं।

इस्तीफे के पत्र के मुताबिक निगरानी समितियों के मेडिकल किट की समीक्षा के मामले में भी उन्हें डांट-फटकार लगाई गई। क्लस्टर कोविड टीकाकरण के लिए पोर्टल पर फीडिंग की बात उठाने पर डीएम ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया। डीएम ने कहा कि सीएमओ और उनके (एसीएमओ)रहते जनपद में कोई काम नहीं हो सकता। डॉ. सिंह ने दावा किया कि जनपद को स्वास्थ्य मानकों में 73वें से 23वें स्थान पर लाने में उन्होंने योगदान दिया।
इसके बावजूद डीएम द्वारा शासकीय चिकित्सकों को अपमानित किए जाने के कारण मर्माहत हैं। कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित करने के बजाय अपमानित किया गया। एसीएमओ ने इस्तीफे के अंत में लिखा कि मैं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के रूप में मानसिक आहत होने के कारण अपनी सेवाएं दे पाने में सक्षम नहीं हूं। 

क्या कहते हैं सीएमओ डॉ. आरएस केसरी --

मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर एस केसरी ने बताया कि एसीएमओ के इस्तीफे की प्रति उन्हें मिली है।  विचार के बाद इसे शासन को प्रेषित किया जाएगा। आरोपों पर सीएमओ ने कुछ भी कहने से इनकार किया है।

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