पिछले चार साल में विद्वत समाज ने जितना अपमान झेला उतना कभी नही हुआ

Jay narayan tiwari

 विद्वत समाज को एकजुट करेंगे पंडित जय नारायण तिवारी 

(आर एल पाण्डेय)
लखनऊ. प्रदेशभर में विद्वत समाज को घोर उपेक्षा की जा रही है. आपस में बंटे होने के नाते उनकी कोई ताकत नहीं बन पाती है. आबादी के लिहाज से अति महत्वपूर्ण होने के बावजूद एकजुटता की कमी के चलते सत्तारूढ़ दल हो या विपक्ष कोई विद्वत समाज को सम्मान नहीं देता है. समय जय नारायण तिवारीकी मांग है कि विद्वत समाज अपनी ताकत को पहचाने और एकजुट होकर राजनीतिक दलों को शक्ति का एहसास कराये. यह बात सुल्तानपुर निवासी व पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित जय नारायण तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत में कही.

जय नारायण तिवारी

श्री तिवारी ने कहा कि बीते विधानसभा चुनाव में विद्वत समाज ने जमकर वोट देकर भाजपा को सत्ता में बैठाया लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने हिन्दुत्व का लबादा ओढ़े  कट्टर ठाकुरवादी गोरक्षपीठ गोरखपुर के महंत को मुख्यमंत्री बनाकर विद्वत समाज का घोर अपमान कराया. उन्होंने कहा कि बीते चार सालों में विद्वत समाज ने जितना सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक  व मानसिक अपमान झेला है, उतना शायद जीवन में कभी नहीं झेला होगा. बीते सालों में विद्वत समाज के लोगों की अनगिनत हत्याएं भी हुईं.

चार - छह फीसदी आबादी वाले लोग राजनीतिक दलों पर हावी हैं और अपने समाज के हित में गैरवाजिब मांगें भी मनवा ले रहे हैं जबकि विद्वत समाज की सूबे में 16 फीसदी आबादी होने के बावजूद एकजुटता की कमी के कारण उनकी राजनीतिक ताकत ही नहीं बन पाती.पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री तिवारी ने बताया कि बीते दिनों उन्होंने विद्वत समाज के दर्जनों लोगों के साथ सुल्तानपुर जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों में दौरा करके समाज के लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू करने की बात कही है.

उन्होंने कहा कि जल्दी ही विद्वत समाज को एक साथ लाने के लिए सुल्तानपुर से अयोध्या तक यात्रा निकाली जाएगी. साथ ही, समाज के जागरूक लोगों को साथ लेकर प्रदेशव्यापी दौरा भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सूबे की योगी सरकार ने हिन्दुत्व का चोला पहनकर चार साल सिर्फ ठाकुरों के हित में ही कार्य किया है. इससे विद्वत समाज में मुख्यमंत्री योगी और भाजपा के प्रति काफी नाराजगी है. भाजपा सिर्फ विद्वत समाज का वोट लेना जानती है, उनके हित व सम्मान की रक्षा करना उसकी प्राथमिकता नहीं है.

ओम विकास संस्थान के अध्यक्ष अशोक द्विवेदी व सचिव धर्मेंद्र सक्सेना ने भी सपा के वरिष्ठ नेता पंडित जय नारायण तिवारी की बातों का समर्थन करते हुए विद्वत समाज की एकजुटता पर बल दिया है. आध्यात्मिक मासिक पत्रिका हनुमत कृपा के संपादक नरेश दीक्षित का कहना कि विद्वत समाज का सम्मान सर्वोपरि है. समाज की अनदेखी किसी दशा में बर्दाश्त नहीं होगी. जो राजनीतिक दल विद्वत समाज का अपमान करेगा, उसे चुनाव में पछताना पड़ेगा.

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