एकेटीयू के सभी संस्थानों में स्थापित होगा इन्क्युबेशन सेंटर

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  संबद्ध संस्थानों के चेयरमैंस के साथ ऑनलाइन बैठक में माननीय कुलपति प्रो0 जेपी पांडेय ने तेजी से सेंटर स्थापित करने पर किया मंथन, इनोवेशन हब की देखरेख में बनाये जाएंगे सेंटर  

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति विकसित करने के लिए प्रयासरत डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने अपने सभी संबद्ध संस्थानों में इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इस पहल को गति देने के लिए बुधवार को माननीय कुलपति प्रो0 जेपी पांडेय ने विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थानों के चेयरमैंस संग ऑनलाइन बैठक की। इसमें उन्होंने सभी संस्थानों को तेजी से इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि वर्तमान दौर स्टार्टअप और इनोवेशन का है। ऐसे में संबद्ध संस्थानों के छात्र स्टार्टअप और इनोवेशन के जरिये देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकते हैं। लेकिन यह तभी संभव होगा जब हम उन्हें ऐसा इको सिस्टम उपलब्ध करायें। इसलिए जरूरी है कि सभी संस्थान अपने यहां इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करें। उन्होंने इन्क्युबेशन सेंटर स्थापना के लिए जरूरी कार्यों को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। कहा कि इसमें छात्रों को भी शामिल किया जाए। साथ ही सेक्शन 8 कंपनी बनाने की बात कही। साथ ही सरकार की ओर से इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए चलायी जा रही योजनाओं और नीतियों के साथ फंड के बारे में भी विस्तार से बताया। एसो0 डीन इनोवेशन डॉ0 अनुज कुमार शर्मा ने इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित करने की रूपरेखा प्रस्तुत किया। वहीं इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह ने बताया कि किस प्रकार इनोवेशन हब सेंटर और छात्रों का सहयोग करेगा। साथ ही स्टार्टअप को मिलने वाली सुविधाओं, वित्तीय मदद, योजनाओं की भी जानकारी दी। जिससे कि सेंटर सफलतापूर्वक स्टार्टअप को बढ़ावा दे सकें। बैठक में इनोवेशन हब मैनेजर वंदना शर्मा, रितेश सक्सेना सहित दो सौ से ज्यादा संस्थानों के चेयरमैंस जुड़े थे।

कम से कम 50 लोगों को बनायें स्किल्ड
ऑनलाइन बैठक के दौरान माननीय कुलपति प्रो0 जेपी पांडेय ने सभी चेयरमैंस को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अपने संस्थान के आसपास के करीब 50 लोगों को किसी न किसी चीज में स्किल्ड करने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि हर संस्थान अपने कुछ छात्रों को पीएमकेवीवाई के तहत कौशलपूर्ण बनायेगा तो निश्चित ही छात्रों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

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