बीएसआईपी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया
समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं और एक स्वस्थ ग्रह बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। IWD लैंगिक समानता और महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह एक दिवसीय कार्यक्रम बीएसआईपी के निदेशक प्रो. महेश जी. ठक्कर के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि सुश्री प्राची गंगवार, उप वन महानिरीक्षक, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) ने की। सुश्री अंकिता सिंह चौहान, राज्य कर अधिकारी, जीएसटी विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार आज के समारोह की सम्मानित अतिथि थीं। बीएसआईपी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिनीता फर्तियाल ने भी इस प्रतिष्ठित सभा मै सम्मिलित हुई और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भूमिका और बढ़ती भागीदारी पर बात की।
समारोह की शुरुआत समन्वयक और वैज्ञानिक डॉ. शिल्पा पांडे द्वारा कार्यक्रम और विषय के संक्षिप्त परिचय के साथ हुई, जिसके बाद दीप प्रज्ज्वलन हुआ। प्रोफेसर महेश जी. ठक्कर (निदेशक बीएसआईपी) ने दर्शकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं हमेशा समाज के विकास के लिए प्रेरक शक्ति रही हैं और उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अपने नवीन विचारों को प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। डॉ. ठक्कर ने कहा कि महिलाओं को घर के काम तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उनके माता-पिता, जीवनसाथी और ससुराल वालों को उच्च शिक्षा हासिल करने और स्वतंत्र होने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने वर्तमान सरकार द्वारा महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जो उनके अधिक स्वतंत्र होने के लिए फायदेमंद हैं। स्वतंत्र महिलाओं के पास अपने और अपने बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ चुनने और करने की शक्ति होती है।
उन्होंने कहा कि बीएसआईपी काफी भाग्यशाली है कि उसके पास पर्याप्त संख्या में महिला कर्मचारी हैं जो सक्रिय रूप से अपने कर्तव्यों में लगी हुई हैं। महिलाओं ने हमेशा अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, कृषि, जलवायु परिवर्तन आदि से संबंधित गंभीर मुद्दों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुश्री प्राची गंगवार ने महिलाओं को अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित एवं प्रेरित रहने पर बल दिया। उन्होंने अपने जीवन की चुनौतियों का हवाला दिया और बताया कि कैसे उन्होंने आत्मविश्वास के साथ उनका सामना किया और महिलाओं को अधिक चुनौतीपूर्ण काम करने के लिए प्रोत्साहित करने में पुरुषों की रचनात्मक भूमिका पर भी प्रकाश डाला। सुश्री अंकिता चौहान ने भी समाज में महिलाओं के सामने आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला और महिलाओं से जीवन में चुनौतियों का सामना करने की अपील की। श्रीमती विनीता वर्मा, पूर्व प्रधान और स्वयं सहायता समूह, ग्राम नगवामऊकला, बख्शी का तालाब और सुश्री सरला सचान, संवाददाता, सखी बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी दो उत्कृष्ट गुमनाम महिलाएं को निदेशक, बीएसआईपी द्वारा सम्मानित किया गया।
संस्थान ने अपने-अपने कर्तव्यों में निरंतर प्रयासों के लिए स्वच्छता टीम से श्रीमती केसर जहा और श्रीमती नीतू और सुरक्षा टीम से सुश्री हर्षिता शुक्ला को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम में बीएसआईपी महिला वैज्ञानिकों के संघर्ष और सफलता की कहानियों पर चर्चा की गई। वैज्ञानिकों, तकनीकी और प्रशासनिक समेत बीएसआईपी के सभी कर्मचारियों, शोधार्थियों ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा और भेदभाव के उन्मूलन के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु एक-दूसरे को प्रेरित किया। महिलाओं के बुनियादी मानवाधिकारों के सम्मान को सुनिश्चित करना भी आईडब्ल्यूडी का एक उद्देशय हैं। समग्र कार्यक्रम का उद्देश्य घर और कार्यस्थल पर महिलाओं को प्रोत्साहित करना, सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनका समग्र सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके और स्वस्थ और समृद्ध समाज के निर्माण में उनकी क्षमता का एहसास हो सके। कार्यक्रम का समापन बीएसआईपी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पूनम वर्मा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।