ऐतिहासिक नुमाइश मेले में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन, देर रात तक कुर्सियों पर डटे रहे श्रोता

Kavi Sammelan organized in historical exhibition fair, audience remained on their chairs till late night
ऐतिहासिक नुमाइश मेले में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन, देर रात तक कुर्सियों पर डटे रहे श्रोता
हरदोई  : ऐतिहासिक नुमाइश मेला में रविवार की रात कवि सम्मेलन के नाम रही। कवि सम्मेलन में कवियों ने ऐसा समां बाँधा कि श्रोता देर रात तक कुर्सियों पर डटे रहे। शुभारम्भ मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्र 'मधुर' व आयोजक राम प्रकाश शुक्ल ने दीप प्रज्जवलन, माँ शारदा व स्व० हरि बहादुर श्रीवास्तव के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। 
 

सलमान सा पति जो ढूंढती थी आज उनको कलुआ पसन्द आया

कवि सम्मेलन की शुरुआत मेरठ से आई कवयित्री तुषा शर्मा की वाणी वन्दना से हुई। कौशांबी से आये युवा हास्य कवि आशीष कविगुरु ने "सलमान सा पति जो ढूंढती थी आज तक, उनको कलुआ पसन्द आया बाद में " कविता पढ़ गुदगुदाया। अयोध्या से आये ओजकवि अभय निर्भीक ने "भारत माता का कभी सम्मान नहीं खोने देंगे, अपने पूज्य तिरंगे का अपमान नहीं होने देंगे" कविता पढ़ वाहवाही लूटी। हास्य कवि अजीत शुक्ल ने दल बदल पर "चाटुकारिता के फंडे बदल रहे हैं। आ गया चुनाव तो झण्डे बदल रहे हैं।

ऐतिहासिक नुमाइश मेले में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन, देर रात तक कुर्सियों पर डटे रहे श्रोता

कविता पढ़ तालियां बटोरीं। मुरादाबाद से आये गीतकार राहुल शर्मा ने "अगर लिखोगे वसीयत अपनी तो जान पाओगे हकीकत, तुम्हारी अपनी मिल्कियत मे तुम्हारा हिस्सा कहीं नहीं है" पढ़कर वाहवाही लूटी। इटावा से आये ओजकवि गौरव चौहान की  "कन्हैया हो या खालिद हो लगा ले जोर कितना भी, बदन में जान है जब तक तिरंगा झुक नहीं सकता" कविता पर पूरा पांडाल भारत माता के जय घोष से गूंज उठा। 

ऐतिहासिक नुमाइश मेले में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन, देर रात तक कुर्सियों पर डटे रहे श्रोता

गाजियाबाद से आये हास्य कवि प्रवीण राही ने "उनकी नजरें सीसीटीवी जैसी हैं, मेरी क्या सबकी ही बीबी ऐसी हैं" कविता पढ़ हंसाया। कानपुर से आये कवि मुकेश मानक ने "देखकर बिहार में योगी जी बोले, मदिरा का नाम मकरंद कर दूंगा" कविता पढ़ वाह वाही लूटी। कवयित्री तुषा शर्मा का "सोचकर यदि आप देंगे मोहब्बत का जवाब, इतने अरसे में दुनिया बदल जायेगी" गीत सराहा गया। दिल्ली से आये लाफ्टर कवि प्रताप फौजदार व प्रयागराज से आये हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी ने श्रोताओं को जमकर हंसाया। संचालन कवि श्लेष गौतम ने किया।

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