वैश्विक स्तर पऱ रोजगार व कौशल संवर्धन को बढ़ावा जरूरी :  प्रशांत

Prashant kumar

सफ़ल उदय फाउंडेशन ने आयोजित किया वर्चुअल सत्र 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय 

लखनऊ। सफ़ल उदय फाउंडेशन ने छात्रों के लिए रोजगार व कौशल संवर्धन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गत दिवस कनेक्टिकम वर्चुअल सत्र आयोजित किया। इस सत्र ने छात्रों को वैश्विक प्रतिभा से जोड़ने के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान किया, जिससे उन्हें पेशेवर करियर और आधुनिक उद्योग प्रवृत्तियों की समझ बढ़ाने में मदद मिली।


कुवैत में राज्य ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) में कार्यरत प्रशांत कुमार ने इस विषय पर अपनी विशेषज्ञता और विचार साझा किए। उन्होंने विभिन्न उद्योगों में स्वचालन के तेजी से विकसित होते क्षेत्र और इसके अनुप्रयोगों पर विस्तार से चर्चा की। सत्र में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया, जो श्री कुमार द्वारा प्रदान की गये ज्ञान और मार्गदर्शन को ग्रहण करने के इच्छुक थे।

उन्होंने निरंतर सीखने के महत्व और पेशेवर दुनिया में तकनीकी परिवर्तनों के अनुकूलन की जरूरत को रेखांकित किया। श्री कुमार ने स्वचालन के विविध क्षेत्रों में एकीकरण के साथ आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की।

उन्होंने छात्रों को आधुनिक नौकरी बाजार में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए कोडिंग, डेटा विश्लेषण, और रोबोटिक्स में कौशल विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। इंटरएक्टिव सत्र ने छात्रों को सवाल पूछने और श्री कुमार के विदेश में काम करने के अनुभवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की अनुमति दी। उनके बेबाक उत्तरों ने छात्रों को वैश्विक कार्यबल की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं तथा विभिन्न देशों में काम करने के सांस्कृतिक विशेषताओं के बारे में साफ नजरिया प्रदान किया।


सफ़ल उदय फाउंडेशन की कनेक्टिकम श्रृंखला छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मानकों और प्रक्रियाओं से परिचित कराने के लिए आवश्यक माध्यम बनी। श्री कुमार जैसे पेशेवरों से छात्रों को जोड़कर, फाउंडेशन अगली पीढ़ी के प्रतिभाओं को उनके करियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक उपकरण और ज्ञान प्रदान कर रहा है।

यह वर्चुअल सत्र न केवल विषय की गहरी समझ प्रदान करता है बल्कि छात्रों को निरंतर सीखने और कौशल विकास की प्रेरणा भी देता है। सफ़ल उदय फाउंडेशन की शिक्षा और सामाजिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता इन प्रयासों के माध्यम से स्पष्ट होती है, जो छात्रों और वैश्विक प्रतिभा के बीच की खाई को पाटने का काम कर रहे हैं, जिससे उन्हें तेजी से बदलते पेशेवर परिदृश्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा रहा है।

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