ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी: डॉक्टर एस एस रजा

Samudayik swasthy kendra
 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंदरनगर आलमबाग के चिकित्सा अधीक्षक एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एस एस रजा ने भेंटवार्ता में बताया कि यूसीएचसी चंदरनगर आलमबाग के अंतर्गत 8 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। करीब 6 लाख जनसंख्या को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें बनाई गई है जो घर-घर जाकर टीकाकरण करती हैं और दवाइयां प्रोवाइड कराती हैं। सभी प्रकार की जांचें एवं दवाइयां नि:शुल्क दी जाती है। बरसात के मौसम में ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंदरनगर में प्रतिदिन लगभग ढाई सौ मरीज आते हैं जिसमें 4 दर्जन से अधिक बच्चों की संख्या रहती है जो सर्दी जुकाम बुखार से पीड़ित होते हैं। करीब एक दर्जन बच्चे बुखार से पीड़ित आते हैं। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में बच्चों की विशेष देखभाल करने की जरूरत है बरसात के पानी में भीगने से बचाने के लिए उपाय किए जाने चाहिए जिससे बच्चे बीमार ना पड़े। सभी स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत टीमें घर-घर निगरानी कर रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों का इलाज बाल रोग विशेषज्ञ से कराना चाहिए। सभी सरकारी अस्पतालों में बाल रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं और दवाइयां भी फ्री दी जाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अगर किसी मरीज को कोई दिक्कत हो तो मुझे आकर बताएं मैं उसका तत्काल समाधान करूंगा।डॉक्टर एस एस रजा ने कहा कि मौसम का मिजाज पल-पल बदल रहा है। कभी तेज धूप लोगों गर्मी का एहसास कराती है तो कभी अचानक बरसात होने लगती है और मौसम सर्द हो जाता है। इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों के प्रति विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। डा. रजा ने बताया कि जब मौसम में तेजी से बदलाव होता है तो वह रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को भी प्रभावित करता है। ऐसे में वर्तमान समय में एलर्जी और वायरल संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है जिससे सांस के रोगी, टीवी के मरीजों के साथ साथ गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है।

डेंगू बुखार के लक्षण बताते हुए बाल रोग विशेषज्ञ एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एस एस रजा ने बताया  कि डेंगू एक विषाणु से होने वाली बीमारी है जो एडिज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय ही काटता है। डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है जिसमें बच्चों को अचानक तेज बुखार आना, पूरे बदन की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, सिर में तेज दर्द होना, उल्टी होना, भूख ना लगना, अत्यधिक कमजोरी लगना आदि साधारण डेंगू के शुरुआती लक्षण है। वही अत्यधिक गंभीर डेंगू (डेंगू हेमोरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम) की स्थिति में मुंह, नाक और मसूड़ों से खून आना, शरीर की चमड़ी पीली तथा ठंडी पड़ जाना, सांस लेने में तकलीफ होना, नसों का कमजोर होना व तेजी से चलना, रक्तचाप का कम होना, पेट में तेज दर्द होना, अत्यधिक बेचैनी होना प्रमुख लक्षणों में आते हैं। डेंगू संक्रमण होने पर शरीर में प्लेटलेट्स कोशिकाओं की संख्या अचानक बहुत तेजी से कम होने लगती है जिससे रक्त स्त्राव की संभावना बढ़ जाती है और यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

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