आचार्य के प्रति श्रद्धा रखने से दूर होती हैं विध्न बाधा 

 24 जुलाई को विश्व साधु परिषद मनाएगी विश्व साधु  दिवस

(आर एल पाण्डेय)

लखनऊ। आचार्यम माम विजानीयात । भगवान स्वयं ही कहते हैं कि आचार्य ही मुझे मानो अर्थात गुरु और भगवान दोनों में कोई अंतर नहीं है दोनों एक हैं। गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वर गुरु साक्षात परम ब्रम्ह तस्मै श्री गुरुवे नमः। गुरु ही ब्रह्मा, विष्णु ,महेश हैं। गुरु ही साक्षात परम ब्रम्ह। ऐसे गुरु को मेरा प्रणाम है। तीन लोक नौ खंड में गुरु से बड़ा न कोई, कर्ता करे न कर सके, गुरु करे सो होय ।

गुरु पूर्णिमा कब है ?

जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए उसे गुरु कहते हैं। तमसो मा ज्योतिर्गमय अंधकार से प्रकाश की ओर उन्मुख होने के लिए गुरु दिशा निर्देश करते हैं। विश्व साधु दिवस के अवसर पर आषाढ़  गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई को समस्त धार्मिक स्थानों पर बड़ी श्रद्धा एवं निष्ठा के साथ भव्य समारोह किया जाएगा। भक्त, भक्ति, भगवंत, गुरु चतुनाम वपु एक।

इनके पद वंदन किए नासहिं बिघ्न अनेक।। सनातन धर्म परिषद के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी आचार्य आर एल पाण्डेय ने कहा कि आचार्य के प्रति श्रद्धा रखने से समस्त विघ्न बाधाएं दूर होती हैं और मनुष्य निरंतर प्रगति पथ पर आगे बढ़ता रहता है।

Share this story