मालपुरा में सुरक्षा की गुहार कर रहे पीड़ित हिन्दुओं पर ही मामला दर्ज, भाजपा गुस्साई

मालपुरा में सुरक्षा की गुहार कर रहे पीड़ित हिन्दुओं पर ही मामला दर्ज, भाजपा गुस्साई


मालपुरा हिंदू पलायन


मालपुरा हिंदू पलायन


जयपुर, 09 सितम्बर (हि.स.)। टोंक के मालपुरा में कथित रूप से हिंदू परिवारों के पलायन से जुड़े मामले में पुलिस ने न्याय और सुरक्षा की मांग कर रहे पीड़ित हिन्दुओं पर ही कोरोना गाइडलाइन के तहत मामला दर्ज कर लिया। इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा ने राज्य की गहलोत सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने तो यहां तक कह दिया कि ये पाकिस्तान और तालिबान नहीं, जहां हिंदू महफूज नहीं हो। हालांकि, इस मामले को टोंक जिला पुलिस अधीक्षक ने भ्रामक करार दिया है।

गौरतलब है कि टोंक जिले का मालपुरा प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। इस कस्बे के 6 वार्डों में बहुसंख्यक समुदाय के करीब 500 मकानों पर पलायन के लिये मजबूर होने के पोस्टर लगे हुए हैं। इनमें वार्ड नंबर 12, 19, 20, 21, 23 और 27 शामिल हैं। इन वार्डों के लोगों ने अल्पसंख्यक परिवारों से अपने आपको खतरा बताया है। इनमें से कुछ वार्ड के लोगों ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर सोमवार और मंगलवार को मालपुरा एसडीएम को पीएम व सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा था। घरों पर पलायन के पोस्टर लगे होने की सूचना पर पुलिस जब उनको उतरवाने के लिए गई तो उसे स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। इस मामले में पुलिस ने सुरक्षा की मांग कर रहे इन्हीं लोगों में से 13 के विरुद्ध कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है और 8 लोगों को पाबंद करवाने के लिए एसडीएम न्यायालय में इस्तगासा पेश किया है। इससे लोगों में गुस्सा और बढ़ गया है।

मामले में टोंक के पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश का कहना है कि मालपुरा में असुरक्षा और पलायन के आरोप- भ्रामक और निराधार हैं। मालपुरा के लोगों के बीच आपसी भाईचारा और प्रेम है। मालपुरा के लोग मजबूत और सशक्त हैं। भ्रामक प्रचार करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। मालपुरा में लोगों ने अपनी मर्जी से राजी खुशी सम्पति बेची है। भारतीय संविधान में नागरिकों को किसी की भी सम्पति खरीदने ओर बेचने का अधिकार है। जिलेवासियों से भी अपील है कि धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वालों और दो समुदायों के बीच कटुता पैदा करने वालो से सावधान रहें।

इधर, प्रदेश भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान सतीश पूनियां ने कहा कि मालपुरा वो कस्बा है जहां बहुसंख्यक लोग शांति से सब लोगों का सम्मान करते हुए रहते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से कई बार वहां दंगे भी हुए और सांप्रदायिक तौर पर अशांति भी हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे क्या हालात हो गए कि वहां पर 300 परिवारों को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा और अंतत: परिवारों को अपने घर के बाहर पोस्टर भी चस्पां करना पड़ा।

पूनियां ने इसे गंभीर मसला बताते हुए सरकार द्वारा इस पर संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह एक घटनाक्रम नहीं है, बल्कि मेवात में तो यह काम बड़े पैमाने पर होता है। वहां न तो मंदिर बख्शे जाते हैं, न खेत की जमीन और बस्तियां बख्शी जाती हैं। उन्होंने कहा कि मालपुरा के लोगों को न्याय मिले, यह प्रदेश सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए।

भाजपा प्रदेश मंत्री और विधायक मदन दिलावर ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार पर हमला बोला है और टोंक पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/ ईश्वर

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