घरौनी को अमली जामा पहनाने के लिए घर-घर जानकारी इकट्ठा कर रहे लेखपाल राजेंद्र कुमार वर्मा  

Gharauni
 

गोंडा । जनपद के सदर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सालपुर सेमरा में घरौनी बनाने का काम क्षेत्रीय लेखपाल के द्वारा तेजी के साथ किया जा रहा है । बताते चले की घरौली बनाने के लिए गांव का ड्रोन सर्वे कई माह पूर्व में किया जा चुका था । अब क्षेत्रीय लेखपाल के द्वारा घर-घर जाकर संबंधित लोगों की जमीन की चौहद्दी ड्रोन सर्वे के द्वारा किए गए नक्शा के अनुसार लिखकर गनी को अमली जामा पहनाने का काम तेजी से किया जा रहा है । गांव में रह रहे लोगों से संबंधित लेखपाल के द्वारा उनका आधार नंबर मोबाइल नंबर की जानकारी के साथ उनके द्वारा बनाए गए पुरानी आबादी में मकान व उनके कब्जे की जमीन की चौहद्दी की जानकारी मांगी जा रही है। इस मौके पर क्षेत्रीय लेखपाल राजेंद्र प्रसाद वर्मा के साथ कोटेदार प्रतिनिधि जयसिंह यादव, ग्राम प्रधान मुन्नालाल तिवारी, चंद्रप्रकाश मिश्रा, मुकुल यादव, रामप्रसाद पांडे, शक्ति यादव व हकदार के साथ दर्जनों लोग मौजूद रहे । बताते चले की स्वामित्व योजना के तहत गांव की आबादी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दी जाने वाली घरौनी (ग्रामीण आवासीय अभिलेख) में उसकी आवासीय संपत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। जिससे की संपत्ति पर अवैध कब्जे को लेकर झगड़े-फसाद की गुंजाइश न रहे। ग्रामीणों को घरौनी मुहैया कराने की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने के लिए शासन ने उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया नियमावली 2020 को अधिसूचित कर दिया है। 

 आजादी के बाद पहली बार ऐसा होगा--  

ग्रामीणों को पहली बार मिलने जा रही घरौनी में संपत्ति के स्वामी का जिला, तहसील, ब्लॉक, थाना, ग्राम पंचायत का नाम दर्ज होगा। ग्राम कोड और गांव के नाम का भी उल्लेख होगा। इसमें सर्वेक्षण वर्ष भी अंकित किया जाएगा। संपत्ति का आबादी गाटा संख्या और भूखंड संख्या भी दर्ज होगा। प्रत्येक भूखंड का 13 अंकों का यूनिक आईडी नंबर भी इसमें अंकित किया जाएगा। संपत्ति के वर्गीकरण को भी इसमें दर्शाया जाएगा। जिससे पता चले कि संपत्ति किस श्रेणी या उप श्रेणी की है। आवासीय भूखंड का क्षेत्रफल (वर्ग मीटर में) और उसकी सभी भुजाओं की संख्या और उनकी लंबाई भी खरौनी में दर्ज होगी। भूखंड की चौहद्दी का भी इसमें उल्लेख होगा।  

क्या है घरौनी -- 
अब किसान के पास खेती के कागजों के साथ साथ घर के कागज भी सरकारी रिकार्डों में दर्ज होंगे। जिससे ग्रामीण एक क्लिक में तहसील से अपने घर के कागजात निकाल सकेंगे। जिसे घरौनी कहा जाएगा। इसके लिए शासन ने स्वामित्व योजना शुरू की है।  

कैसे होगा इससे फायदा  --- 

 स्वामित्व योजना का फायदा यह होगा कि गांवों में संपत्तियों पर कब्जे को लेकर झगड़े-फसाद में कमी आएगी। गांव के लोग अपने मकान की घरौनी को बंधक रखकर बैंक से अपनी जरूरतों के लिए कर्ज ले सकेंगे। ड्रोन फोटोग्राफी के आधार पर आबादी क्षेत्र का मानचित्र तैयार किया जाएगा और उसमें दर्शाये गए मकानों और अलग दर्शाये गए स्थानों की नंबरिंग की जाएगी।

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