बलरामपुर में राम कथा 

Ram katha
 बलरामपुर। श्री झारखंडी मन्दिर में चल रहे श्रीराम कथा के पांचवे दिन भगवान राम का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया है। श्रीराम कथा के दौरान राम जन्म होते ही पंडाल में जय श्रीराम के जयकारों से पंडाल गूंज उठा। कथावाचक साध्वी अंजली किशोरी ने कथा के दौरान कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है। उन्होंने कहा कि राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुलगुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। जहां वशिष्ठ द्वारा श्रृंगी ऋषि से शुभ पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते है। यज्ञ कुंड से अग्नि देवता का प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं। जिसके बाद राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को खीर देते है। उस खीर के खाने से तीनों रानियों को भगवान राम सहित भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। जिसको देख श्रोता भावविभोर हो गये।  जन्मोत्सव के दौरान पंडाल में स्वागत गीत, सोहर गीत भजन आदि गीत गाया गया। बड़ी संख्या में उपस्थित महिलायें नृत्य करती नजर आईं। झारखंडी मन्दिर के पुजारी विनय गिरि द्वारा भगवान के आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे।

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