राम उत्सव बन गया स्कूल का वार्षिकोत्सव 

राम उत्सव

 स्कूली वार्षिकोत्सव भी हुआ राम मय

 राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी...

 जन्मों के पाप धुल जाएंगे, राम आएंगे...

 स्कूली बच्चे भी रामभक्ति में हुए लीन

 राम भक्ति के लिए मर्यादित होने का सबक सिखा गए बच्चे 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ।वाई आर मांटेसरी स्कूल खदरा के प्रबंधक राकेश जायसवाल ने बताया कि रामभक्ति के रंग से हर कोई सराबोर है। स्कूली बच्चों की क्रिएशन भी राम मय हो गई है। गांधी भवन में वाई आर मांटेसरी स्कूल के वार्षिकोत्सव में छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियां भी राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा की प्रतीक्षा के उत्साह में डूबी थीं। अयोध्या, राम लला और राम मंदिर के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम के आदर्शों को भी छात्र-छात्राओं ने अपनी कलात्मक सृजनात्मकता के साथ उकेरा।
"राम आएंगे थीम पर सीमा चतुर्वेदी के निर्देशन में बच्चों ने राम आएंगे तो अंगना सजाउंगी.. गीत पर मनमोहक प्रस्तुति दी। त्रेता युग में प्रभु राम की अयोध्या वापसी जैसी खुशियां वर्तमान में दोहरा रही हैं। भक्ति रस के गीत-संगीत में भाव-भंगिमाओं और नृत्य संयोजन ने प्रस्तुतियों को आकर्षक बना दिया। आध्यात्मिकता ने भरी पेशकश दर्शकों को बांधने में कामयाब रहीं। राम के आने की कल्पना मात्र से ऊर्जा का प्रसार, आनंद की अनुभूति, सुख की प्राप्ति, समृद्धि, उन्नति, प्रगति.. को बच्चों ने अपनी अभिनय क्षमता से बखूबी पेश किया। जहां मर्यादा है वहां राम है। रामभक्त बनने की पहली शर्त मर्यादित होना है। कुछ इस तरह के प्रेरणादायक संदेश देने वाली प्रभावशाली प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके अतिरिक्त नमों शंकरा, मेरे घर राम आएंगे, सबके राम, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, बोलो तारा रा..रा.., मेरा जूता है जापानी, मैं निकला गड्डी ने के.. जैसी
प्रस्तुतियों ने वार्षिकोत्सव में विविधता के रंग भरे। अदिती दीक्षित, जया सिंह, कार्तिकेय मिश्रा, अनुश्री अवस्थी, स्वाति, सारिका, रोहित, वेदान्त, यशि, मानस, आराध्या, अन्विधा, अनिकेत, तन्वी, प्रवीन, रौनक, अंश, दिव्यांका, वानी, नबिया इत्यादि ने अपनी-अपनी क्रिएशन
से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
अंत में वाई आर मांटेसरी स्कूल प्रमुख राकेश वर्मा ने कार्यक्रम में आए मेहमानों, दर्शकों और अभिभावकों को धन्यवाद व्यक्त किया।

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