सवर्ण आयोग गठन की मांग को लेकर निकाली गई सवर्ण चेतना यात्रा

बहुत हुआ सवर्णों का 73 साल से शोषण ,अब उठी सवर्ण आयोग बनाये जाने की मांग 
सवर्ण चेतना यात्रा

(आर एल पाण्डेय)
लखनऊ। आजाद मंच भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष यू एस राणा ठाकुर के नेतृत्व में  आजाद मंच की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती रागिनी अवस्थी के सहयोग से सवर्ण आयोग के गठन को लेकर सवर्ण चेतना यात्रा निकाली गई।यात्रा गाजियाबाद से खुर्जा अलीगढ़ होते हुए कासगंज पहुंची। राष्ट्रीय अध्यक्ष यू एस राणा  के नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती रागिनी अवस्थी के सहयोग से यात्रा का शुभारंभ हुआ।

जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलेंद्र त्रिपाठी, प्रदेश अध्यक्ष रागिनी अवस्थी, राष्ट्रीय अध्यक्ष यू एस राणा ठाकुर, पंडित त्रिभुवन शर्मा, प्रदेश महामंत्री शंकर भारद्वाज, प्रदेश मंत्री ममता शर्मा, खुर्जा के जिला अध्यक्ष जितेंद्र राणा, अलीगढ़ के प्रदेश मंत्री गोपाल ठाकुर, दिलीप सोलंकी राष्ट्रीय मंत्री कासगंज जिला अध्यक्ष निरंजन सोलंकी, राष्ट्रीय सचिव व सह प्रभारी राजस्थान के अशोक सिकरवार आदि मौजूद रहे। उक्त जानकारी प्रदेश मीडिया प्रभारी आचार्य आर एल पाण्डेय ने देते हुए बताया कि आजाद मंच भारत की सवर्ण चेतना यात्रा का शुभारंभ कासगंज से हुआ। इस दौरान सवर्ण आयोग बनाने की मांग की गई।

सवर्णों मे जागरूकता 

वक्ताओं ने कहा कि 73 वर्षों से राजनीतिक दल सवर्णों का शोषण करते चले आ रहे हैं। अब बदलाव किया जाएगा। शहर के माल गोदाम रोड़ स्थित गेस्ट हाऊस में हुए कार्यक्रम के माध्यम से आजाद मंच भारत द्वारा सवर्णों में .जागरूकता पैदा की गई। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष यूएस राणा ने कहा कि अब तक राजनीतिक दलों ने सवर्णों का शोषण किया है। अब यह नहीं होगा। सवर्ण आयोग बनने के लिए संगठन की ओर से मांग की जाएगी। इसके लिए कासगंज से प्रथम चरण का आगाज किया जा रहा है।

राष्ट्रीय सचिव दिलीप सोलंकी ने कहा है कि सवर्णों को अपने हितों की रक्षा के लिए एकजुट होकऱ आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने सभी सवर्णों को आयोग नहीं तो वोट नहीं की प्रतिज्ञा दिलाई।हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए। इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।। उक्त पंक्तियां सुनाते हुए आजाद मंच के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती रागिनी अवस्थी ने कहा कि और अब आरक्षण मुक्त होना चाहिए सभा आयोग का गठन किया जाना चाहिए 99% अंक लाने वाले बच्चे भी आरक्षण के कारण पिछड़ रहे हैं और हताश हो रहे हैं। चाहे जितना संघर्ष करना पड़े भारत को आरक्षण मुक्त कराना ही होगा। दिलीप सोलंकी, शैलेंद्र त्रिपाठी, रागिनी अवस्थी, दिलीप चंदेल, शंकर वाधवा, निरंजन सिंह सोलंकी, नरेश दीक्षित, विक्रांत, शिवा ठाकुर, आदित्य, आलोक, रिंकू, विजय शास्त्री मौजूद रहे।

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