विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने की सीएसआईआर-सीडीआरआई वैज्ञानिकों के साथ बैठक

Dr Jitendra Singh
 Dr Jitendra singh

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। डॉ.जितेन्द्र सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार ,एवं  सीएसआईआर के उपाध्यक्ष ने 26 दिसंबर, 2023 को लखनऊ में केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीडीआरआई) के निदेशक और वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ बैठक की। सीएसआईआर निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने सीडीआरआई, संस्थान के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों की ओर से डॉ.जितेन्द्र सिंह का स्वागत करते हुए बैठक की शुरुआत की. डॉ. राधा ने संस्थान की वैज्ञानिक उपलब्धियों का  प्रस्तुतिकरण करते हुए प्रमुख वैज्ञानिक सफलताओं, सीएसआईआर-सीडीआरआई द्वारा खोजी और विकसित की गई दवाओं और पाइपलाइन में आशाजनक नई दवाओं की झलक का व्यापक अवलोकन प्रदान किया गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर-सीडीआरआई में चल रहे बुनियादी और अनुवादात्मक अनुसंधान कार्यों के लिए अपनी सराहना व्यक्त की। सीडीआरआई की औषधि की पाइपलाइन पर टिप्पणी करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत में औषधियों के विषम वितरण के बावजूद भी अपूरित नैदानिक आवश्यकताओं का एक व्यापक स्पेक्ट्रम मौजूद है। हमारे वैज्ञानिकों को इन अधूरी जरूरतों (अनमेट नीड्स) पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि समुचित समाधान निकल सकें। उन्होंने कहा कि भारत में दवाएं विकसित करने हेतु भारतीय वैज्ञानिकों के लिए उचित वातावरण एवं अनुसंधान परिवेश अच्छी तरह से स्थापित किया गया है।

माननीय मंत्री ने सीडीआरआई के सहयोगात्मक दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि संस्थानों को मिलकर काम करना चाहिए। इसमें पब्लिक -प्राइवेट सहयोग शामिल है। डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ अनुसंधान एवं विकास के लिए सीडीआरआई के समझौते पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि उद्योग क्या चाहता है इसके साथ ही शुरू से ही संयुक्त रूप से उत्पाद विकसित करें। बुनियादी शोध के संदर्भ में, उन्होंने छात्रों के लिए सह-मार्गदर्शक बनने के अवसर पैदा करके पीएचडी स्तर पर सभी विषयों में शोध के एकीकरण को प्रोत्साहित किया।

उन्होंने वैज्ञानिकों से समाज, विशेषकर युवाओं से जुड़ने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे लंबी अवधि में ज्ञान संचय और बेहतर उत्पाद प्राप्त होते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने नवीन अनुसंधान के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता की सराहना की।
इस कार्यक्रम में सीएसआईआर-सीडीआरआई के अनुसंधान साझेदारों, सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च, संजय गांधी पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एवं  डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज को सम्मानित किया गया। उपेक्षित रोगों की दवाओं की पहल और बिल एंड  मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी को भी मान्यता दी गई।
अंत में, मुख्य वैज्ञानिक डॉ. रविशंकर रामचंद्रन ने सीएसआईआर-सीडीआरआई परिवार की ओर से वैज्ञानिक उत्कृष्टता एवं  किफायती स्वास्थ्य देखभाल समाधानों की खोज में उनके सुझावों और मजबूत समर्थन के लिए माननीय मंत्री को धन्यवाद दिया।

सीएसआईआर-सीडीआरआई 
सीएसआईआर- सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर-सीडीआरआई), भारत का एक प्रमुख दवा अनुसंधान संस्थान है जो भारत की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दवाओं, निदान और प्रक्रिया प्रौद्योगिकियों की खोज और विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। संस्थान ने बेंच से लेकर बाजार तक 13 दवाएं विकसित की हैं और 80 से अधिक प्रक्रिया प्रौद्योगिकियों को दवा कंपनियों को हस्तांतरित किया है। यह संस्थान रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, फार्माकोलॉजी, फार्माकोकाइनेटिक्स और टॉक्सिकोलॉजी में एंड-टू-एंड क्षमताओं के साथ दवा खोज के लिए एक एकीकृत केंद्र के रूप में है। सीडीआरआई के बारे में अधिक जानकारी www.cdri.res.in पर पाई जा सकती है।

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