माता रुक्मिणी सेवा संस्थान द्वारा संचालित  36 आश्रमों की बहन कार्यकर्ता  शिविर में शामिल 

Mata rukmani sewa sansthan
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

बस्तर, छत्तीसगढ़। नंदिनी शिविर बस्तर की अदभुत यात्रा वृतांत बताते हुए विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भइया ने कहा कि   दिल्ली से रायपुर तक केवल 9 स्थानों पर रुकने वाली संपर्क क्रांति ट्रेन डेढ़ घंटा लेट रायपुर तीन बजे पहुंची। हमारे पदयात्रा के दिनों के मित्र मेहतर लाल साहू के सुपुत्र शंकर भाई अपने कुछ बड़े मित्रों के साथ स्टेशन पर स्वागत हेतु आए। उन्होंने फोन किया कि आप किस ए सी कोच में हैं। हमने कहा कि हम लोग एस 4 में हैं। फिर क्या था उनके मित्रों ने मालाओं से विनोबा विचार प्रवाह  के साथियों का स्वागत किया। द्वार पर हरिजन।

सेवक संघ छत्तीसगढ़ की टीम श्री पन्ना भाई नवरंगे सचिव की टीम के साथ अमीन पारा में बच्चों का छात्रावास चलता है। वहीं पर राज्य कार्यालय में  उपाध्यक्ष भारत सिंह राणा ,गिरीश पंकज जी  के नेतृत्व में स्वागत हुआ। भोजन आदि करके बस्तर के लिए निकले रास्ते में मिनी माता छात्रालय में गए जहां एकता बहन अधीक्षिका  के रूप में देखती है। सब  बच्चियों के साथ संजय भाई ने खेल खेले।

रात 9 बजे अभनपुर से स्लीपर बस की यात्रा करके रात के 3 बजे जगदलपुर पहुंचे वहां रेखा बहन हम लोगों को गाड़ी से लेने आई थी। सुबह आश्रम की प्रार्थना में ताऊ जी धर्मपाल सैनी के दर्शन कर अपने को धन्य किया। सबेरे साढ़े सात बजे स्वस्थ शिक्षित समृद्ध गांव समूह से जुड़कर सात्विक।जीवन शैली पर सुंदर चर्चा की।  आश्रम का सात्विक स्वल्पाहार पोहा,  मीठा,ग्रहण कर साढ़े दस बजे प्रार्थना से शिविर की शुरूआत प्रार्थना भवन में ही हुई।

सभी ने अपना परिचय देते हुए बताया कि हम सब कैसे माता रुक्मिणी सेवा संस्थान डीमरापाल  से कैसे जुड़े , किस प्रकार समर्पित हुई। माता रुक्मिणी सेवा संस्थान द्वारा संचालित  36 आश्रमों की बहन कार्यकर्ता  शिविर में शामिल हुई हैं। अभी ढाई दिन शिविर चलेगा।

Share this story