एडवांस तकनीक के साथ हो रही सफल रोबोटिक सर्जरी, अगले ही दिन चलने-फिरने लगता है मरीज
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Dr Pradip Chaubey
 


ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ : तकनीक में हुई तरक्की की मदद से मिनिमली इनवेसिव सर्जरी और अधिक बेहतर हो गई हैं. यूं तो रोबोट की मदद से की जाने वाली सर्जरी करीब 10 वर्षों से ज्यादा वक्त से की जा रही हैं लेकिन अब तक इन प्रक्रियाओं का इस्तेमाल कैंसर और यूरोलॉजी जैसे जटिल मामलों में ही किया जाता रहा है.


कैम्ब्रिज यूके के सीएमआर सर्जिकल के नेक्स्ट जनरेशन वर्सियस रोबोट की मदद से रोबोटिक सर्जरी को विस्तार मिला है. गॉल ब्लैडर सर्जरी, हर्निया सर्जरी, वजन घटाने वाली सर्जरी, एपेंडिसाइटिस, फंडोप्लिकेशन और अन्य मामलों में भी रोबोटिक सर्जरी आसान हो गई है. मैक्स हॉस्पिटल साकेत नई दिल्ली के चेयरमैन डॉक्टर प्रदीप चौबे ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है. डॉक्टर चौबे ने खुद एक साल से कम वक्त में 600 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी की है.  

मैक्स हॉस्पिटल साकेत के मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ लेप्रोस्कोपिक, एंडोस्कोपिक, बेरिएट्रिक सर्जरी के चेयरमैन डॉक्टर प्रदीप चौबे ने सीएमआर सर्जिकल, कैम्ब्रिज यूके से 2021 में नेक्स्ट जनरेशन रोबोटिक सिस्टम प्राप्त किया था. इसकी मदद से उन्होंने एक साल से कम वक्त में ही 600 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी कीं. इनमें अपेंडेक्टोमी, हर्निया के लिए फंडोप्लिकेशन, रेक्टोपेक्सी के लिए फंडोप्लिकेशन शामिल हैं. ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि मरीजों के लिए बेहतर रिजल्ट आए, उन्हें बेहद सुरक्षित और सही ढंग से रोबोटिक ट्रीटमेंट मिला.

रोबोटिक सिस्टम, वर्सियस में इनबिल्ट सेफ्टी मैकेनिज्म होते हैं जिसके चलते सर्जन को बेहतर सर्जरी करने में मदद मिलती है. इसमें लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के सभी फायदे मिलते हैं, सर्जरी बहुत ही सटीक और सुरक्षित होती है. एडवांस और रोबस्ट टेक्नोलॉजी की मदद से डॉक्टरों को काफी मदद मिलती है और किसी भी तरह की चूक होने की आशंका बहुत कम रहती है.

डॉक्टर चौबे ने बताया, ''90 के दशक में सर्जरी के क्षेत्र में एक क्रांति हुई जब ओपन सर्जरी के विकल्प के तौर पर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ने दस्तक दी. डॉक्टर चौबे लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्षेत्र में बड़ा नाम था. यूं तो ओपन सर्जरी की तुलना में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के फायदे कहीं ज्यादा थे, लेकिन मैं हमेशा ऑपरेशन करते समय 3डी व्यू को मिस करता था, क्योंकि लेप्रोस्कोपी में सिर्फ 2डी विजुअल ही मिलते थे. लेकिन अब नेक्स्ट जनरेशन रोबोट वर्सियस की मदद से हम 3डी विजन के साथ सर्जरी कर रहे हैं.

3डी विजन की बहुत अहमियत है क्योंकि इसकी मदद से ज्यादा गहराई तक देखा जा सकता है जिससे सर्जरी ज्यादा सुरक्षित और सटीक होती है. इसकी मदद से सर्जरी में वक्त भी कम लगता है. रोबोटिक आर्म सर्जरी में काफी अहम रहता है क्योंकि आमतौर पर डॉक्टर अपने कलाई को उतना नहीं घुमा पाते, उसकी एक लिमिट होती है लेकिन इसकी रेंज काफी ज्यादा रहती है जिसके चलते ऑपरेशन में उन हिस्सों तक भी पहुंच हो पाती है, जहां संभव नहीं रहती थी. इससे डॉक्टरों को जो मूवमेंट मिलता है, उससे मुश्किल सर्जरी को भी एन्जॉय कर पाते हैं.''

ज्यादातर रोबोटिक सिस्टम में क्लोज कंसोल होता है जो एक लिमिट तक ही डॉक्टर को मरीज के अंदर एक्सेस दे पाता है. लेकिन वर्सियस में ओपन कंसोल होता है, जिसमें सर्जन डायरेक्ट विजन के साथ सर्जन सर्जरी कर पाते हैं

सर्जरी के बाद कुछ ही घंटों में मरीज खड़ा हो जाता है और घूमने फिरने लगता है. कुछ मामलों में उसी दिन भी मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है या उसके अगले दिन. अगले दिन ही मरीज अपनी डाइट फॉलो करने लगते हैं और रोजमर्रा के कामकाज भी शुरू कर देते हैं. क्योंकि सर्जरी में बहुत ही कम कट लगता है, कोई खून का नुकसान नहीं होता, और मरीज की स्किन पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ता है.

डॉक्टर चौबे और उनकी टीम के पास 93000 से ज्यादा ऑपरेशन करने का अनुभव है. वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन ने सबसे तेजी से 100 रोबोटिक सर्जरी करने के लिए उन्हें चुना था. डॉक्टर चौबे ने मई 2022 में 17 ऑपरेटिंग डे में फास्टेस्ट 100 रोबोटिक सर्जरी की थीं, जबकि दिसंबर 2022 में उन्होंने 600 से ज्यादा रोबोटिक सर्जरी को पूरा किया.

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