स्वामी विवेकानन्द ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण माना: रमेश भैया 

राष्ट्र निर्माण में विवेकानंद की भूमिका
 
हरदोई(अंबरीश कुमार सक्सेना)
अपनी ओजपूर्ण आवाज से लोगों के दिल को छू लेने वाले स्वामी विवेकानन्द निःसंदेह विश्व गुरु थे जिनके सुलझे हुए विचारों के उजाले ने धर्म की डगर से भटक रही दुनिया को सही राह दिखाई।
यह बात विनोबा सेवा आश्रम शाहजहांपुर के अधिष्ठाता रमेश भैया ने शिव सत्संग मंडल आश्रम ग्राम हुसैनापुर  धौकल में आयोजित विवेकानंद जयंती उत्सव में कही।उन्होंने कहा कि निर्विवाद रूप से स्वामी विवेकानंद विश्व में सनातन धर्म के ध्वजवाहक रहे। विवेकानन्द का बौद्धिक तथा आध्यात्मिक शक्ति से भरा व्यक्तित्व और कृतित्व विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
विशिष्ट अतिथि ब्लॉक प्रमुख त्रिपुरेष मिश्रा ने ने कहा कि विवेकानन्द ने अपनी अल्प आयु में ही दुनिया को बहुत कुछ दिया। उन्होंने विश्व को वेदान्त के आध्यात्मिक मार्ग से अवगत कराया। विवेकानन्द ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को बहुत महत्वपूर्ण माना। वह चाहते थे कि नौजवान पीढ़ी रूढ़िवाद से अछूती रहकर अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल देश की तरक्की के लिए करे। युवाओं के आदर्श विवेकानन्द के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
दूरदर्शन एवं आकाशवाणी संवाददाता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय शंकर गौड़ ने बताया कि विवेकानन्द की वैचारिक क्रांति ने दुनिया को वेदान्त की शिक्षा दी और अपनी बौद्धिक और आध्यात्मिक शक्तियों से विश्व पर गहरी छाप छोड़ी।यह सब ध्यान और भजन से ही संभव है।
 नई दिल्ली के दैनिक  नेशनल एक्सप्रेस समूह के संपादक विपिन गुप्ता ने बताया कि  अध्यात्म के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही था और छात्र जीवन में उन्होंने पूर्वी और पश्चिमी देशों की धर्म तथा दर्शन से जुड़ी पद्धतियों का गहराई से अध्ययन किया। विवेकानन्द ने नए परिप्रेक्ष्य में धार्मिक विचारों के व्यापक प्रचार के लिए वर्ष 1897 में कलकत्ता में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। 
व्यवस्था प्रमुख यमुना प्रसाद ने बताया कि विवेकानंद चाहते थे कि देश के युवा, रूढ़िवाद से प्रभावित हुए बगैर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को श्रद्धा के साथ निभाएं। उन्होंने कहा कि महज 39 वर्षों की जिंदगी में विवेकानंद ने आधुनिकता की दौड़ में धर्म की राह से भटक रही दुनिया को अपने विचारों की ऊर्जा से सही रास्ता दिखाया।
संयोजक रवि वर्मा ने कहा कि विवेकानंद ने साबित किया कि देश के युवा चाहें तो दुनिया में सुविचारों की क्रांति लाकर अपनी पीढ़ियों को एक आध्यात्मिक सम्पन्न विरासत दे सकते हैं।
 
मंडलाध्यक्ष आचार्य अशोक ने बताया कि विवेकानंद ने अपने विचारों से अमेरिकी लोगों के दिल को छुआ। उन्होंने अपनी जादुई भाषण शैली, रूहानी आवाज और क्रांतिकारी विचारों से अमेरिका के आध्यात्मिक विकास पर गहरी छाप छोड़ी। विवेकानंद ने अमेरिका और इंग्लैंड जैसी महाशक्तियों को अध्यात्म का पाठ पढ़ाकर विश्व गुरु के रूप में अपनी पहचान बनाई। विवेकानंद भारत के प्रतिनिधि के रूप में अमेरिका जाने वाले पहले राष्ट्र भक्त संत थे। उनका संदेश वेदान्त का पैगाम था। उनका मानना था कि वेदांत ही भविष्य में मानवता का धर्म होगा। 
 अम्बरीष कुमार सक्सेना के संचालन में हुए स्वामी विवेकानंद जयंती उत्सव का शुभारंभ रमेश भैया विपिन गुप्ता ब्लॉक प्रमुख त्रिपुरेष मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर, एवं छवि ने सामूहिक ईश प्रार्थना से किया।शाहजहांपुर के रोहित वर्मा एवं योग प्रशिक्षक सत्यम ने ने प्रेरणादायी भजन सुनाया।
इस अवसर पर विनोबा सेवा आश्रम के अधिष्ठाता अधिष्ठाता, प्रख्यात समाजसेवी रमेश भैया का मंडल अध्यक्ष आचार्य अशोक , उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी अनुराग श्रीवास्तव प्रभाकर बाजपेई शिव प्रसाद श्रीवास्तव सच्चिदानंद मिश्रा,डॉक्टर कालिका प्रसाद प्रेम कुमार यमुना प्रसाद एवं भाजपा नेता नवनीत गुप्ता एवं सच्चिदानंद मिश्रा ने स्मृति चिन्ह एवं उपलब्धि परक मोमेंटो देकर नागरिक अभिनंदन किया। इसके अलावा समाज सेविका विमला बहन, नई दिल्ली की रजनी बहन को बहन पूनम अवस्थी उमा सक्सेना मीरा देवी सुदामा देवी आदि ने सम्मानित किया। नई दिल्ली के संपादक विपिन गुप्ता एवं अभय शंकर गौड़ को  सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर भाजपा नेता मुकुल सिंह मुकुल सिंह चित्रकूट सेवा धाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग श्रीवास्तव योगेंद्र यादव संजय अग्निहोत्री आदेश शुक्ला एमएसएमई के अध्यक्ष वीरेश श्रीवास्तव समेत सैकड़ो सत्संगीजन,सभ्रांतजन मौजूद रहे।

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