जो संकल्प हमारे पूर्वजों ने लिया था वह आज की पीढ़ी में पूरा हो रहा है 

राम मंदिर अयोध्या
 ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। श्री राम जन्मभूमि पर नवीन मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को होना है उससे पूर्व ही सारा समाज श्री राम भक्ति में डूबा हुआ है। भक्ती की इसी आनंदोत्सव में भगवान श्री राम के अनुज श्री लक्ष्मण जी की नगरी लक्ष्मणपुरी में दिनांक 17 जनवरी 2024 को चार स्थानों पर श्री रामलला स्वरूप दर्शन एवं शोभायात्रा का आयोजन लक्ष्मणपुरी के श्री राम भक्तों द्वारा किया गया।

लखनऊ पूर्व भाग का कार्यक्रम सेंट्रल एकेडमी विद्यालय सेक्टर 9 इंदिरा नगर में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में प्रतिष्ठित समाज सेवी अशोक उपाध्याय रहे एवं क्रार्यक्रम की अध्यक्षता श्री स्वामी सिद्धेश्वर गिरी ने की। इस अवसर पर मुख्य वक्ता अशोक उपाध्याय ने कहा कि आज कोठारी बंधुओं का बलिदान पूर्ण हो रहा है।

1992 में जब विवादित ढांचा ढहाया गया था उस दिन भारत की आत्मा प्रसन्न हुई थी यह मन्दिर लाखों रामभक्तों के बलिदान 76 युद्धों के बाद प्राप्त हुआ है। सिद्धेश्वर गिरी ने कहा कि आज सारा समाज राममय है अब हमे राम राज्य की संकल्पना को साकार करना है। इस कार्यक्रम में भगवान श्री राम के बाल स्वरूप में 1000 से अधिक बालक प्रभू राम रूप में उपस्थित हुए वहीं भगवान श्री राम के जीवन यात्रा से सम्बन्धित झांकियों को भी शोभायात्रा में प्रस्तुत हुई। सम्पूर्ण कार्यक्रम में 4000 से अधिक लोग सामिल हुए।


लखनऊ पश्चिम भाग में श्री रामलला स्वरूप दर्शन एवं शोभायात्रा कार्यक्रम श्रीराम लीला मैदान ऐशबाग से प्रारम्भ हुआ। इस कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रीराम की लीलाओं पर प्रस्तुति की गई उक्त कार्यक्रम में अनेकों संत, महात्मा विभिन्न क्षेत्रों, संगठनों के प्रमुख उपस्थित रहे कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सञ्जय सिंह ने कहा कि अपनी परमपावन मातृभूमि, अपने महान हिन्दु राष्ट्र भारतवर्ष की आत्मा सत्य सनातन वैदिक हिन्दु धर्म है। मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, इसी सनातन हिन्दु धर्म के विग्रहस्वरूप है। इस यात्रा में 5000 से अधिक रामभक्त उपस्थित रहे व 1100 बालक श्री राम के बाल स्वरूप धारण कर कार्यक्रम में शामिल हुए। 


लखनऊ उत्तर भाग के श्री रामलला स्वरूप संगम कार्यक्रम भाऊराव देवरस विद्यामंदिर अलीगंज सेक्टर क्यू में आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में श्री राम की आरती से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ, इसी श्रृंखला में श्री राम के स्वरूप में आए बालकों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता स्वतंत्रता सेनानी रामकुमार वर्मा ने कहा कि ५०० वर्षों के सतत संघर्ष के उपरान्त भगवान श्रीरामलला के अपने भव्य मन्दिर में अधीष्ठित होने की दैवीय बेला अब बस कुछ दिवस ही दूर है।

भगवत्कृपा व अनेकों जन्मों के पुण्य से इस अनुपम ऐतिहासिक घड़ी के साक्षी हम सब बन रहें हैं, यह हमारा अतीव अहोभाग्य है। जो संकल्प हमारे पूर्वजों ने लिया था वह आज की पीढ़ी में पूरा हो रहा है यह हमारे अनेक पुण्य जन्मों का प्रतिफल है जो हम देख पा रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चिन्मय मिशन के संत स्वामी कौशिक चैतन्य ने कहा किजो संकल्प हिन्दू समाज ने लिया था वह पूरा हो रहा है। जिस अवधपुरी का एहसास कराने के लिए ५०० वर्षों से प्रतीक्षा थी, उसकी पूरे दुनिया को, समस्त भारतवासियों की भावनाओं को मूर्त रूप देने का यह अवसर आज पूरा हो रहा है।


इस कार्यक्रम में लगभग 4500 से अधिक रामभक्त उपस्थित हुए साथ ही 1100 बालक श्री राम बनकर कार्यक्रम में आए तथा विविध प्रकार की झांकी कार्यक्रम में शामिल हुई।
लखनऊ दक्षिण भाग में श्री रामलला स्वरूप दर्शन एवं शोभायात्रा का कार्यक्रम रामलीला मैदान बालूअड्डा में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ओमपाल जी ने अपने उद्वोधन में कहा कि मेरे लिए अयोध्या इस भरोसे का प्रतीक है किअंधेरा कितना भी घना क्यों न हो, वह छंटता जरूर है। यदि राम के काज में इतनी देरी हो सकती है, हम सामान्य जन की बात ही क्या कि व्यक्तिगत या सामाजिक किसी भी स्तर पर यदि आत्मविश्वास डगमगाए तो एक बार अयोध्या की ओर देख लीजिये, साहस बढ़ जाएगा। यदि कोई भी मुद्दा सुलझता हुआ नहीं दिख रहा हो तो अयोध्या जी को प्रणाम कीजिये, और भरोसा रखिये कि धर्म की विजय होगी। इसे कोई रोक नहीं सकता। अंधेरे का छँटना एक अवश्यम्भावी घटना है, बस हृदय में धर्म और प्रतीक्षा करने का साहस होना चाहिए। इस कार्यक्रम में भी लगभग 5000 से अधिक रामभक्त उपस्थित हुए।

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