संक्रमण रोकथाम से सम्बन्धित प्रशिक्षण, पोस्टर प्रतियोगिता एवं स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया

International.nurses day
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ ( आर एल पाण्डेय ). अन्तर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस सम्पूर्ण विश्व में 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल , जिन्हें आधुनिक नर्सिंग का संस्थापक माना जाता है, उनके जन्मदिवस के अवसर पर और उपचारिकाओं द्वारा समाज मे दिये जा रहे योगदान व समर्पण की यादगार में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

इस वर्ष के अन्तर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस की थीम हैः *हमारी नर्सेस्, राष्ट्र का भविष्य: उपचार की अर्थव्यवस्था।* इसका तात्पर्य है, स्वस्थ लोगों और समाज का निर्माण करना, जो स्वस्थ अर्थव्यवस्था को चलाता है।

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इसी के दृष्टिगत् डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 04 दिवसीय              ( 09.05.2024 से 12.05.2024) कार्यक्रमों  की श्रंखला का आगाज़ संस्थान के निदेशक प्रो0(डा0) सी0एम0 सिंह के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। उद्घाटन के दौरान संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक, प्रो0 विक्रम सिंह समेत संस्थान का शीर्षक प्रशासन, मुख्य उपचारिका अधिकारी, उपचारिका अधीक्षिका, श्रीमती कामिनी कपूर, उपचारिका प्रशासन के समस्त पदाधिकारी एवं संस्थान के अन्य कार्मिक भी उपस्थित रहें। 

अन्तर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के अवसर पर आयोजित 04 दिवसीय कार्यक्रमों  की श्रंखला में आज प्रथम दिन संक्रमण रोकथाम से सम्बन्धित प्रशिक्षण, पोस्टर प्रतियोगिता एवं स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर सी0एम0 सिंह द्वारा _फ्लोरेंस नाइटिंगल_ के जीवनी पर संक्षिप्त विवरण देते हुए रोगियों की देख-भाल व उपचार में उपचारिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका तथा उनके करुणा से ओत-प्रोत दायित्वों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने संस्थान के उपचारिका संवर्ग के कार्यों की सराहना करते हुए बताया कि उनके अब तक के दो माह के कार्यकाल में उपचारिका संवर्ग से किसी भी कार्मिक के विरुद्ध किसी भी रोगी या उनके तीमारदार की ओर किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उपचारिकायें किसी भी चिकित्सालय में रीढ़ की हड्डी होती हैं। वह न केवल रोगियों के मानव शरीर की देखभाल व उपचार में संलिप्त रहती हैं, अपितु मानसिक तौर पर भी सेवाभाव समर्पण व पूर्ण मनोयोग से रोगियों से मनोवैज्ञानिक तौर पर भी पूरी तरह जुड़ जाती हैं। अभी हाल ही में कोरोना वैश्विक महामारी इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने संस्थान में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में रक्तदान करने वाली 50 उपचारिकाओं को प्रश्स्ति पत्र देकर बधाई दी।

संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक, प्रो0 विक्रम सिंह ने सर्वप्रथम अपने अभिभाषण में समस्त नर्सिंग संवर्ग को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु शुभकामनायें दीं। उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि उपचारिकाओं के पेशे को सदैव से ही सम्मानजनक रुप से देखा गया है। समाज उपचारिकाओं के महत्वपूर्ण व अतिआवश्यक समर्पण से भलीभांति परिचित है।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हम जितनी जल्दी और बेहतर उपचार मरीज का करेंगे तभी हम इस वर्ष के अन्तर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस का थीमः पर खरे उतरेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि नर्सिंग संवर्ग को भी में शैक्षणिक सम्मेलनों का आयोजन करना चाहिए जिस से उनका भी चिकित्सीय ज्ञान की अद्यतन जानकारी हो। यह जानकारी न सिर्फ मरीज़ के उपचार में सहायक होगी अपितु उनके खुद के आत्मविशवास को भी मज़बूत करेगी।  


उन्होंने नर्सिंग संवर्ग को आर्थिक शक्ति पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया, साथ ही बताया की यह बहुत महत्वपूर्ण है। किफायती स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराए बिना प्रर्याप्त जनसंख्या को स्वास्थ्य प्राप्त नहीं कराया जा सकता है।

कार्यक्रम में नर्सिंग कार्मिकों द्वारा कविता,गायन प्रस्तुती भी कि गई। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर ईशिका पनवर, द्वितीय स्थान पर चेतना प्रकाश, तृतीय स्थान पर रुपेश कुमारी रहीं।
आने वाले तीन दिनों में गायन, कविता, नृत्य, रंगोली एवं नाटक प्रतियोगिता के साथ साथ वृक्षारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया जायेगा।

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