कानपुर में एक अनोखे विद्यालय जहां लगती हैं ट्रेन के कोच में क्लास

कानपुर में एक अनोखे विद्यालय जहां लगती हैं ट्रेन के कोच में क्लास

.Kanpur school classes train coaches अवनीश कुमार

कानपुर, उत्तर प्रदेश के कानपुर में भीतरगांव के एक सरकारी विद्यालय ने अनोखे तरीके से विद्यालय को संवारा है और विद्यालय में बने कमरों को ट्रेन के कोच की तरह रंगा गया है.जिस तरह रेलगाड़ी के डिब्बे लाल रंग के होते हैं ठीक उसी तरह लाल रंग से इसकी सजावट की गई है.जिसकी चर्चा इस समय पूरे प्रदेश में हो रही है और वही इस सरकारी विद्यालय की तरफ खुद रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर के माध्यम से की है और कहा है कि इस प्रकार के प्रयोग बच्चों को स्कूल आने के लिये प्रेरित कर रहे हैं।

ट्रेन के डिब्बे जैसी दिखती हैं विद्यालय की दीवारें -

भीतरगांव स्थित उच्च परिषदीय विद्यालय बेहटा गंभीरपुर के विद्यालय की दीवारों को लाल रंग से रंगवाया गया है और विद्यालय के हर कमरे को ट्रेन के डिब्बों की तरह तैयार किया गया है विद्यालय को इतने खूबसूरत ढंग से तैयार किया गया है कि एक्सप्रेस ट्रेन की मजा बच्चों को विद्यालय के कमरों में ही मिलता है और उन्हें ऐसा प्रतीत होता है जैसे की वह एक्सप्रेस ट्रेन में बैठे कर पढ़ाई कर रहे हैं।जिसके बाद विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ गई है और बच्चे अब समय पर विद्यालय भी आने लगे हैं।





यूट्यूब से मिली प्रेरणा -

वह की शिक्षकों की माने तो विद्यालय के प्रधानाचार्य ने परिषदीय विद्यालय बेहटा गंभीरपुर को नया रूप देने के लिए यू-ट्यूब पर राजस्थान के एक स्कूल की तस्वीरें देखीं थी। यूट्यूब पर राजस्थान का या विद्यालय पूरी तरह से रेलवे का कोच की तरफ दिख रहा था जिसकी फोटो लेने के बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य ग्राम पंचायत अधिकारी से बात करके अपने स्कूल को भी रेलवे के कोच जैसा नजारा देने की बात कही।आनन-फानन ही डिजाइन तैयार हुई और स्कूल को रेलवे का कोच जैसा बनवा दिया।जिसके अब विद्यालय प्रशासन की ये पहल काफी सुर्खियों में आ गया है।

रेल मंत्री ने ट्विटर पर की तारीफ -


रेल मंत्री पीयूष गोयल ट्विटर पर विद्यालय की फोटो शेयर करते हुए विद्यालय की तारीफ करते हुए कहा है कि बच्चों में स्कूल जाने के प्रति उत्सुकता, और उनको प्रोत्साहित करने के लिये कानपुर स्थित भीतरगांव में एक स्कूल को ट्रेन के कोच के रूप में रंगा गया।इस प्रकार के प्रयोग बच्चों को स्कूल आने के लिये प्रेरित कर रहे हैं।





क्या बोली प्रधानाध्यापक -

प्रधानाध्यापक ईला पांडेय ने फोन पर बात की विद्यालय बिल्कुल एक्सप्रेस के डिब्बे जैसी दिखे रहा है।विद्यालय को नया रूप मिला तो हर किसी ने इसकी सराहना की है। और बच्चेे भी स्कूल की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और विद्यालय बच्चों की स्कूल आने कीी संख्या भी बढ़ रही है।

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