वकील के परिवार के साथ सरकारी गुंडई ,पुलिस ने गिरा कर मारा Vidio Viral

वकील के परिवार के साथ सरकारी गुंडई ,पुलिस ने गिरा कर मारा Vidio Viral



State Crime news -Etah क्या पुलिस का काम अब यही रह गया है विवादों को निबटने के लिए है या खुद विवादों में पड़ने के लिए वकीलों के परिवार की पिटाई कर दी पुलिस के ऊपर सीधा आरोप है कि भाजपा के उपाध्यक्ष के साथ मिलीभगत कर के पुलिस ने जबरन कब्जा दिलवाया है जबकि अभी मामले का highcourt से stay चल रहा है।

वकीलों के परिवार से ही उनकी बेटी ने सोशल मीडिया में जो अपील की है उसे देखिये ।

मैं गरिमा शर्मा एडवोकेट आप सबके समक्ष अपने परिवार उत्पीड़न के कुछ तथ्य सामने रख कर अपनी पीड़ा व्यक्त कर रही हूँ।

मैं आल इंडिया बार कौंसिल की रजिस्टर्ड अधिवक्ता हूँ वर्तमान में पीसीएस ( जे) की तैयारी में भी लगी हुई हूँ। मेरे पिता राजेन्द्र शर्मा एटा जिले में 20 वर्षो से शासकीय अधिवक्ता के रूप में कानून और न्याय के लिये सरकार का सेवा में संलग्न हैं।वे पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता भी रहे हैं।मेरा भाई वरुण शर्मा भी अधिवक्ता है।

21दिसम्बर 2020 का दिन मेरे निजी पारिवारिक जीवन को तहस नहस करने बाला बेहद बर्बर एव भयावह दिन साबित हुआ। इस दिन पुलिस प्रशासन के साथ गुंडा तत्व मेरे कटरा मुहल्ला स्थित आवास पर जबरन घुस आए और फायरिंग करने लगे जिसमे एक गोली मेरे भाई वरुण शर्मा एडवोकेट को लगी गुंडों के साथ आये पुलिस/प्रशासन ने मेरे पिता राजेन्द्र शर्मा को घसीटते हुये मारा पकड़ कर ले जाने लगे।उक्त टीम के साथ आये पुलिस/प्रशासन एवं गुंडों ने हमारे मकान पर जबरन कब्जा कर लिया। मैने तत्काल डीजीपी,आई जी, एडीजी जॉन आगरा को घटना होते समय मोबाइल से अवगत कराया। परन्तु कोई सहायता नही मिली।

यहां हम यह अवगत करा दे हमारे आवास के एक हिस्से को लेकर सत्र न्यायालय एव उच्च न्यायलय में वाद लम्बित है जिस पर यथा स्थित के आदेश है। परन्तु गुंडे भू माफिया इस हिस्से पर जबरन कब्जा करना चाहते थे।इस संभावना को व्यक्त करते हुए हमारे पूरे परिवार ने 3 नवम्बर से 21 नवम्बर तक धरना प्रदर्शन किया ताकि कोई अवैध तरह से कब्जा न कर सके इस सम्बंध में मैंने और मेरे पिता ने उत्तर प्रदेश शासन के उच्चाधिकारियों को लिखित/मौखिक/भेट वार्ता कर अवगत कराया पर न्याय नही मिला। उल्टे राजनैतिक दबाब में पुलिस/प्रशासन/एव गुंडों के गठजोड़ ने 21 नवम्बर को आपराधिक कृत्य किया।जिसमें मैं खुद एव 7 सदस्यीय परिवार के सदस्य जेल में डाल दिये गए।हमारा अपराध सिर्फ इतना था कि अपनी सम्पत्ति की रक्षार्थ हमने धरना प्रदर्शन कर न्याय की मांग।

इस घटना के बाद मेरे कैरियर को आंच आई है वही न्याय के लिये संघर्ष करने बाले अधिवक्ता समाज की प्रतिष्ठा तार तार हुई है। एटा के अधिवक्ताओ ने मेरे परिवार की महिलाओं को जमानत पर रिहा करा लिया है जिसके लिये मैं ह्रदय से आभार व्यक्त करती हूँ।पर अभी भी मेरे पिता राजेन्द्र शर्मा मेरे 76 वर्षीय ताऊ जी चन्द्रपाल शर्मा, गुंडों की गोलीबारी से घायल अधिवक्ता भाई वरुण शर्मा एवं मेरे सगे सम्बन्धी सिंटू शर्मा जेल में हैं।

मैं इस घटना के बाद टूट गई हूं गुंडा माफिया और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से हैरान हूं ।मेरा आप सबसे करबद्ध प्रार्थना है पहले आप मेरे पिता भाई ताऊ सम्बन्धी को जेल से निकलवाने में मदद करे।

मैं जीवन भर आपकी अपने अधिवक्ता साथियों की एव न्याय के लिये आगे आ रहे सभी संगठन,सहयोगियों की आभारी रहूंगी।


इस मामले में High court Allahabad Bar Association ने chief justice को पत्र लिख कर suo moto संज्ञान लेने की मांग की है ।

उधर एटा पुलिस ने कहा है की अगर वकील राजेन्द्र शर्मा को गिरफ्तार नही करते तो साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता था ।



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