और कितने उदाहरण ढूंढ के लाऊ, हर क्षेत्र में खुद को आजमाने लगी बेटियां

और कितने उदाहरण ढूंढ के लाऊ, हर क्षेत्र में खुद को आजमाने लगी बेटियां

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बलरामपुर से विशेष रिपोर्ट -

दृढ़ इक्षा शक्ति ही महिलाओं को बनाता है आत्मनिर्भर

- मिशन शक्ति अभियान से आत्मनिर्भर व स्वावलंबी

जिम्मेदारियों का बोझ परिवार पर पड़ा, तो ऑटो रिक्शा चलाने लगी बेटी साहस के साथ अंतरिक्ष भेज डाला, सुना वायुयान भी उड़ाने लगी बेटियां और कितने उदाहरण ढूंढ के लाऊ, हर क्षेत्र में खुद को आजमाने लगी बेटियां, वीर की शहादत पर अर्थी का कंधा देकर, अब शमशान तक जाने लगी बेटियां.....

यूपी का बलरामपुर जिला शैक्षिक रूप से पिछड़ा जिला है। बलरामपुर की बेटियों ने इस पिछड़ेपन के कलंक को मिटाते हुए कुछ ऐसे कार्य किए जिससे वह बलरामपुर की अन्य बेटियों के लिए नजीर बन गई हैं। बलरामपुर की बेटियां न सिर्फ खुद आगे बढ़ रही हैं साथ ही साथ अन्य महिलाओं को भी जागरूक कर रही है कि वह आगे बढ़े और स्वावलंबन के साथ जीवन व्यतीत करें।

मिशन शक्ति के माध्यम से बेटियों को सुरक्षा का एहसास करा रही है अनुपमा त्यागी कोतवाली नगर में महिला एंटी रोमियो स्क्वाड टीम की प्रभारी है। अनुपमा त्यागी बेटियों व महिलाओं को जागरूक कर रही हैं। वह प्रतिदिन बेटियों को उनके अधिकारों के बारे में बताती हैं और उन्हें जागरूक करती हैं। उनके इस प्रयास से जिले की बेटियों में आत्मनिर्भरता आई है और वह भी सर उठा कर किसी भी विपत्ति का सामना करने को तैयार आप नजर आती हैं। अब बेटियां खुलकर आवाज उठा रही हैं। महिला एसआई अनुपमा त्यागी कहती हैं की बलरामपुर जिले की बेटियों को सीख लेनी चाहिए कि उनकी डीएम और सीडीओ दोनों महिला हैं, वह उन्हें अपना आदर्श मानकर आगे बढ़े और किसी भी समस्या के समाधान के लिए पुलिस की सहायता लें। पुलिस महिलाओं के सहायता के लिए सदैव उनके साथ है।

फोटो 01 अनुपमा त्यागी

नगर के पूरब टोला मोहल्ले के निवासी ललिता तिवारी मिशन शक्ति की मिसाल हैं। वह अर्बन क्षेत्र में आशा कार्यकत्री के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर क्वारेन्टीन मरीजों की हर प्रकार की मदद की। इस दौरान वह खुद भी कोरोना से संक्रमित हुई। बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। कोबिड काल में उन्होंने महिला अस्पताल में आने वाले तीमारदारों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था कराई। ललिता तिवारी लगातार बेटी शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा के साथ महिला उत्पीड़न घरेलू हिंसा व नशा उन्मूलन के प्रति विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक करती हैं।

फोटो 02 ललिता तिवारी

बिंदु विश्वकर्मा एक सामाजिक कार्यकत्री हैं। उनका कहना है कि अभिभावकों को भी बेटियों के प्रति सोच बदलनी होगी। बेटियों को बेटे की तरह सम्मान देना होगा। आज की बेटियां बेटों से कम नहीं है। बेटियां उत्कृष्ट कार्य कर अपने माता पिता का नाम समाज में रोशन कर रही हैं। बिंदु विश्वकर्मा कहती हैं छात्राओं को चुप्पी तोड़नी पड़ेगी, जब तक वह चुप्पी नहीं तोडेंगी तब तक अराजक तत्वों के हौसले बुलंद रहेंगे। जिस दिन बेटियों ने जवाब देना शुरू कर दिए उस दिन महिला अपराध पर अंकुश लगेगा।

फोटो 03 बिंदु विश्वकर्मा

सोनम आनंद एक ताइक्वांडो खिलाड़ी हैं। सोनम ने प्रदेश व देश के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। सोनम आनंद वर्तमान में ताइक्वांडो के लिए जिले का प्रतिनिधित्व करती हैं। सोनम इस समय स्कूलों में जाकर बेटियों को आत्मरक्षा के तरीके बता रही हैं। वह कहती हैं कि हमें भी निडर व निर्भीक रहने की आवश्यकता है। किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर घबराए नहीं बल्कि डटकर उनका सामना करना चाहिए। छात्राओं के हौसले बुलंद होंगे तो उन्हें छेड़छाड़ जैसी घटनाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

फोटो 04 सोनम आनंद

समाज सेविका परवीन हुसैन कहती हैं कि बेटी होना अभिशाप नहीं है। बेटी भी बेटों से कम नहीं है। वह कहती हैं जिस परिवेश में उन्होंने जन्म लिया था वहां पर्दा प्रथा बहुत थी। लेकिन मन में इच्छा शक्ति थी और उसी शक्ति के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त कर सफलता के मुकाम को हासिल किया। उन्होंने कहा आज वह अपने दोनों बेटियों को भी उच्च शिक्षा दे रही हैं। उनका कहना है कि बेटियों को आत्मनिर्भर एवं आत्म सुरक्षा के लिए कार्य करना चाहिए। परवीन हुसैन वर्तमान समय में गवर्नमेंट स्कूल में असिस्टेंट टीचर है। इसके साथ ही वह गरीब परिवार की बेटियों की शिक्षा का भी खर्च उठाती है। परवीन हुसैन 150 से भी अधिक बेटियों को ब्यूटीशियन का कोर्स सीखा रही है जिससे वह भी आत्मनिर्भर बने सके।

फ़ोटो05 परवीन हुसैन

विजय लक्ष्मी दूबे एमएलके महाविद्यालय की छात्रा हैं। वह स्वयं के शिक्षा लेने के साथ साथ गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का काम कर रही है। उनका कहना है कि जब बेटी शिक्षित होगी तभी समाज की तरक्की होगी। विजय लक्ष्मी दूबे बेटियों की बुनियादी शिक्षा मजबूत करने के लिए लगातार कार्य कर रही हैं। विजयलक्ष्मी अभिभावकों को जागरूक कर बेटियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रेरित करती हैं।

फोटो 06 विजय लक्ष्मी दूबे

पूजा शर्मा एमएलके पीजी कॉलेज के एबीवीपी विंग की मंत्री हैं। पूजा महाविद्यालय के साथ-साथ समाज में भी छात्राओं व महिलाओं के हक के लिए लड़ाई लड़ती हैं। पूजा शुरू से ही छात्राओं के लिए संघर्ष करती आ रही हैं। वह छात्राओं को प्रेरित भी करती हैं की आत्म निर्भर रह कर वह स्वयं के साथ ही साथ अन्य बहनों की सहायता कर सकती हैं। छात्राओं के हित के लिए उन्होंने कई मोर्चे भी खोलें और संघर्ष किया। पूजा शर्मा समाज और ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिला सशक्तिकरण के लिए कई अभियान चलाकर महिलाओं को जागरुक करने का काम कर रही हैं।

फोटो 07 पूजा शर्मा









Share this story