उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड भवन के बदले हुए  स्वरूप और अनेक उत्पादों का दर्शन

Achary vinoba bhave
 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भैया ने बताया कि आज से चालीस साल पहले जब महीने दो महीने आश्रम के खादी कार्य हेतु बोर्ड भवन खादी का झोला डालकर  आना होता था।  तब के पुराने खादी भवन के पुराने ऑफिस में बैठे हुए सचिव कमल कांत जायसवाल जी जो सचिव भारत सरकार , श्री कमल टावरी जो जो योजना आयोग के सचिव ,से सेवा निवृत्त हुए। इन दोनो अधिकारियों ने आश्रम  पहुंच कर भी दर्शन दिए थे।  उस खादी बोर्ड के दफ्तर जो अब  बड़ी बिल्डिंग उसमें सी ई ओ आफिस बन चुका था। यहां के प्रमुख श्री अरूण प्रकाश जी आई ए एस अति सौम्य व्यक्तित्व के धनी अति व्यावहारिक व्यक्ति लगे। आदरणीय अजय पांडे जी संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश शासन के साथ मिलने जाना हुआ था । क्योंकि इससे पूर्व आदरणीय  अरुण प्रकाश जी श्री अजय पांडे जी के विभाग  सचिवालय प्रशासन में ही विशेष सचिव के वरिष्ठ पद पर रह चुके हैं। इसलिए एक दूसरे के बीच प्रशासकीय चिंतन व्यवहार की परस्पर बहुत ही अच्छी चर्चा हुई। जब बताया गया कि विनोबा सेवा आश्रम ने विनोबा जी के आशीर्वाद से खादी का कार्य वर्ष 1980 में गांव की महिलाओं के बीच चरखा चलाकर सेंठे की लकड़ी पर गोल गोल घुमाकर पूनी बनाने से शुरू करके लकड़ी के किसान चरखा से सूत कताई और फिर वस्त्र बुनाई का भी काम करके शुरू किया  था। पुनी मशीन चरखे की तरह आई,और फिर स्लाइबर प्लांट से पूनी आने लगी। अगर रूई की तेजी की बात करें तो आश्रम ने 50 रुपए किलो रूई खरीद कर काम शुरू किया।आज तो खादी का विकसित युग है।खादी की प्रगति भी बहुत बताई जा रही है। लेकिन गरीब की पहुंच से खादी अब दूर होती जा रही है।उसे पास कैसे लाया जाए।                             विनोबा विचार प्रवाह परिवार की ओर से श्री अजय पांडे जी और रमेश भइया ने पूज्य विनोबा जी की  गीता प्रवचन पुस्तक खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अरूण प्रकाश जी को भेंट की। इस अवसर पर विनोबा सेवा आश्रम के सचिव श्री मोहित कुनार भी साथ में थे उन्होंने आश्रम की महिलाओं के लिए सोलर चरखा यूनिट लगाने की बात की और आश्रम पर ग्रामोद्योग मॉल का भविष्य में शुभारंभ करने हेतु आमंत्रित भी किया। नीचे लखनऊ की अंजली सिंह बहन जिनका जूट का बड़ा कार्य है उनका शोरूम भी देखा।

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